Karnataka Floor Test: कर्नाटक में इन नियमों के तहत करवाया जाएगा बहुमत परीक्षण
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बेंगलुरु। आज सभी की निगाहें कर्नाटक में होने वाले येदुरप्पा सरकार के बहुमत परीक्षण पर टिकी हुईं है। इसके साथ ही कर्नाटक विधानसभा के नियम संख्या 340 पर सभी का फोकस होगा। नियम 340 के मुताबिक विधानसभा के स्पीकर द्वारा जब सवाल किया जाएगा तो सदन में मौजूद सदस्य उसका जवाब देंगे। स्पीकर के लिए सभी संभावनाएं खुली हुईं हैं। अगर स्पीकर सदन में नियम 346 लागू करते हैं तो इसे तहत सदस्यों की आवाज के जरिए वोटिंग करवाई जाएगी। स्पीकर द्वारा सवाल पूछे जाने के बाद सदस्य हां और ना में जवाब देंगे।
इस प्रकिया के दौरान स्पीकर खुद आवाज वोटों की पुष्टि करेंगे। अगर उनके फैसले को चुनौती दी जाती है तो वह लॉबी साफ़ करा देगा। इसके बाद दरवाजे बंद कर दिए जाएंगे और फिर से ध्वनिमत के आधार पर वोटिंग करवाई जाएगी। अगर इसके बाद भी स्पीकर के फैसले को चुनौती दे दी जाती है तो, स्पीकर विधायकों को पार्टी के पक्ष में खड़े होने और नहीं खड़े होने के लिए कहेगा। इस बार खड़े हुए विधायकों को गिन लिया जाएगा। जिसके बाद तय हो जाएगा कि किस पार्टी के पास समर्थन है। इस प्रकिया में विधायकों के नाम नहीं लिखे जाएंगे।
मौजूदा समय में सदन में 222 विधायक हैं, क्योंकि जयानगर और राजेश्वरी विधानसभा के चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। वहीं एचडी कुमारास्वामी दो सीटों से चुनाव लड़े थे। जिसनें से उनकी एक सीट को ही गिना जाएगा। इस आधार पर जादुई आंकड़ा घटकर 111 रह जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान स्पीकर आर्टिकल 189(1) के तहत अपना वोट तब तक नहीं डाल सकता है, जबतक कि वोटों की संख्या बराबर ना हो। अगर बहुमत परीक्षण के दौरान येदुरप्पा अपना बहुमत साबित नहीं कर पाते हैं तो स्पीकर दूसरी पार्टी को बहुमत सिद्ध करने का मौका देगी।