#KarnatakaElections2018: नहीं काम आया कांग्रेस का लिंगायत कार्ड, भाजपा ने बनाई बढ़त
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नई दिल्ली। कर्नाटक में चुनाव के ऐलान से ठीक पहले जिस तरह से सिद्धारमैया सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म और अल्पसंख्यक का दर्जा दिया उसके बाद माना जा रहा था कि कांग्रेस को इसका लाभ होगा। लेकिन शुरुआती रुझान के बाद यह साफ है कि कांग्रेस को इसका लाभ होता नहीं दिख रहा है। अधिकतर जगहों पर जहां लिंगायत समुदाय का दबदबा है वहां कांग्रेस पिछड़ती नजर आ रही है और भाजपा इन जगहों पर बढ़त हासिल कर रही है। ऐसे में यह साफ है कि कांग्रेस का यह दांव अब उसपर उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है।
गौरतलब है कि कर्नाटक में चुनाव के ऐलान से पहले सिद्धारमैया सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने के सात उन्हे अल्पसंख्यक का दर्जा दिया था और इस प्रस्ताव को पास करने के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा था। लेकिन कांग्रेस सरकार के इस फैसले का भाजपा ने विरोध करते हुए कहा था कि सिद्धारमैया सरकार लोगों को बांटना चाहती है, हम इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे। यही नहीं केंद्र सरकार ने सिद्धारमैया सरकार के प्रस्ताव को पास भी नहीं किया था।
आपको बता दें कि 12 मई को कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान तकरीबन 70 फीसदी मतदान हुआ था। चुनाव के नतीजों से पहले ही भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि हम पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे और वह बतौर मुख्यमंत्री 17 मई को शपथ लेंगे। हालांकि सिद्धारमैया ने भी अपनी जीत का भरोसा जताते हुए एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करत हुए उसे दो दिन का मनोरंजन बताया था।
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