#Karnataka: दो देवियां जिन्होंने जेडीएस को कहा अपने "दुश्मन" का ऑफर मान लो
नई दिल्ली। कर्नाटक में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। चुनाव नतीजों में भले ही बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने बिना देर किए ही जेडीएस को सरकार बनाने का ऑफर दे दिया। कांग्रेस के जेडीएस को समर्थन देने के दांव ने सूबे का सियासी गणित बदल कर रख दिया। बड़ा सवाल यही था कि क्या जेडीएस कांग्रेस के इस दांव को स्वीकार करेगी। जानकारी के मुताबिक जेडीएस ने कांग्रेस के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। सूत्र बता रहे हैं कि दो 'देवियां', मायावती और ममता बनर्जी ने कांग्रेस के इस दांव को मजबूत बनाने में अहम सहयोग दिया। उनके ही कहने पर ही जेडीएस ने चुनाव के दौरान विरोधी रही कांग्रेस का ऑफर स्वीकार करने में देर नहीं की। पढ़िए खास रिपोर्ट...
जेडीएस-कांग्रेस की सुलह में इनका रहा अहम रोल
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के साथ जेडीएस मुख्य मुकाबले में थी। किसी को भी ये उम्मीद नहीं थी कि चुनाव के बाद दो पार्टियां एक साथ आ जाएंगी। हालांकि सियासत शायद इसी को कहते हैं। चुनाव में भले ही बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर ली हों लेकिन बहुमत से दूर रहने की वजह से उनके हाथ सत्ता की चाबी आती नहीं दिख रही। दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने तुरंत ही स्थिति को समझते हुए जेडीएस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। जेडीएस ने भी इस ऑफर को स्वीकार कर लिया। बताया जा रहा है कि जेडीएस के ऐसा करने के पीछे अहम वजह चुनाव में उनकी सहयोगी रही मायावती हैं।
मायावती ने बनाया दबाव
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कर्नाटक चुनाव में जेडीएस के साथ चुनाव लड़ा था। दूसरी ओर यूपी में मायावती का गठबंधन अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के साथ है। सपा और बसपा दोनों ही बीजेपी को अपना प्रतिद्वंद्वी मानती हैं। ऐसे में मायावती ये कभी नहीं चाहती की जेडीएस कर्नाटक में बीजेपी के साथ मिलकर गठबंधन करे या फिर सरकार बनाए। इस मुद्दे पर मायावती ने साफ तौर से जेडीएस नेतृत्व के समक्ष अपना रुख स्पष्ट कर दिया। संभावना है कि मायावती के इस फैसले की वजह से जेडीएस ने कांग्रेस के दिए ऑफर स्वीकार किया।
ममता बनर्जी ने भी ट्वीट करके किया था इशारा
बीएसपी प्रमुख मायावती ही नहीं टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस के ऑफर पर जेडीएस को समझाने की कोशिश की। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद ट्वीट किया था, इसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस-JDS अगर गठबंधन करके चुनाव लड़ते तो नतीजे अलग होते। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी के इस ट्वीट ने भी चुनाव के बाद बदली परिस्थिति में जेडीएस और कांग्रेस को साथ आने में अहम योगदान दिया है। बता दें कि ममता बनर्जी लगातार थर्ड फ्रंट के गठन को लेकर काफी एक्टिव हैं।
सोनिया गांधी का फोन कॉल रहा अहम फैक्टर
मायावती और ममता बनर्जी के अलावा सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस-जेडीएस को साथ लाने में बड़ी पहल की। सूत्र बता रहे हैं कि जब कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कर्नाटक के हालात की जानकारी सोनिया गांधी को दी, तो इसके बाद सोनिया गांधी ने खुद एचडी देवेगौड़ा को फोन किया। दोनों बड़े नेताओं की बातचीत के बाद ही जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन पर आखिरी फैसला हुआ। कांग्रेस पार्टी ने कुमारस्वामी को सीएम बनाने की पेशकश की, जिसे जेडीएस नेतृत्व ने स्वीकार कर लिया।
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