कर्नाटक चुनाव: फंसा बहुमत का पेंच, कांग्रेस के लिए अभी भी बंद नहीं दरवाजे
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सबकी नजर है। हालांकि बीजेपी बहुमत की तरफ दिख रही है और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है बीजेपी सरकार बना लेगी। लेकिन बात अगर आंकड़ों की करें तो तस्वीर बदल भी सकती है। बता दें कि बीजेपी को पूर्ण बहुमत के लिए 111 सीटों की जरूरत है। अभी उसे 108 सीटें मिली हैं। कांग्रेस को 71 सीटें मिलती दिख रही है और जेडीएस अभी तक 41 सीटों पर है। अन्य के खाते में 2 सीटें हैं। मतगणना में भी अब कुछ ही राउंड बचे हैं। ऐसे में नंबर का खेल अभी बाकी है।
ऐसे में बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस और जेडीएस एक साथ मिलने की कोशिश करेंगे। अभी के आंकड़ों के हिसाब से अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए बुरी खबर होगी। उल्लेखनीय है कि कर्नाटक में जेडीएस अलग अस्तित्व में है तो केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट का हिस्सा। जेडीएस कांग्रेस और बीजेपी दोनों के साथ मिलकर सरकार बना चुकी है। 1999 के विधानसभा चुनाव में जेडीएस को 10 सीटें, जबकि 10.42 फीसदी वोट हासिल हुए थे। 2004 में 59 सीट और 20.77 फीसदी वोट। 2008 में 28 सीट और 18.96 फीसदी वोट। 2013 में 40 सीट और 20.09 फीसदी वोट हासिल हुए थे।
जेडीएस की स्थापना एचडी देवगौड़ा ने 1999 में जनता दल से अलग होकर की थी। जनता दल की जड़ें 1977 में कांग्रेस के खिलाफ बनी जनता पार्टी से शुरू होती है। इसी में से कई दल और नेताओं ने बाद में जनता दल बनाई. कर्नाटक में जनता दल की कमान देवगौड़ा के हाथों में थी। उन्हीं के नेतृत्व में जनता दल ने 1994 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई और देवगौड़ा मुख्यमंत्री बने।