#KarnatakaElections2018: पिछले तीन विधानसभा में कैसा रहा कांग्रेस-बीजेपी का प्रदर्शन
नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रदेश में 12 मई को चुनाव होंगे और 15 मई को नतीजों की घोषणा होगी। कर्नाटक चुनाव में एक बार फिर से मुख्य मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस और केंद्र में सत्ता संभाल रही बीजेपी के बीच है। जहां बीजेपी की कोशिश एक बार फिर से प्रदेश में जीत दर्ज करके वापसी करने की है, वहीं कांग्रेस इन चुनावों में कतई हार मानना नहीं चाहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार के आने के बाद से बीजेपी का विजय-रथ तेजी से आगे बढ़ा है। देश के 20 से ज्यादा राज्यों में बीजेपी की सरकार है। ऐसे में कांग्रेस की रणनीति यही है कि कर्नाटक में बीजेपी को घेरा जाए। वहीं बीजेपी भी अपनी जीत का राह कर्नाटक में आगे बढ़ाना चाहेगी। इस बार के चुनाव में कौन जीत दर्ज करेगा ये तो 15 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद ही पता चलेगा। इससे पहले एक नजर कर्नाटक में हुए पिछले तीन विधानसभा चुनावों पर, आखिर पिछले तीन विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस में किसका पलड़ा रहा भारी...
2013 के विधानसभा चुनाव पर एक नजर
2013 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने बीजेपी की जगह कांग्रेस पर भरोसा जताया। इस चुनाव में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला, इसी के साथ कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में सत्ता संभाली। 2013 के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो कुल 224 सीटों में कांग्रेस के खाते में 122 सीटें गई। वहीं बीजेपी को 40 सीटें और जनता दल सेक्युलर को भी 40 सीटों पर जीत मिली। इस चुनाव में अन्य के खाते में 22 सीटें गई।
2008 के विधानसभा चुनाव की तस्वीर
कर्नाटक में 2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी। इन चुनावों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। प्रदेश विधानसभा की 224 सीटों में बीजेपी को जहां 110 सीटें गईं, वहीं कांग्रेस को 80 सीटें मिलीं। इन चुनावों में जनता दल (सेक्युलर) को 28, निर्दलीय प्रत्याशियों को छह सीटों पर जीत हासिल हुई।
2004 के विधानसभा चुनाव में क्या रहा
2004 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को जनता स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। प्रदेश में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उसके खाते में 79 सीटें आईं, वहीं कांग्रेस को 65 सीटों पर जीत मिली। इस चुनाव में जनता दल सेक्युलर को 58 सीटें मिलीं। वहीं अन्य के खाते में 22 सीटें गईं। इस तरह से जनता ने किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं दिया। फिलहाल ये आंकड़ें पिछले चुनाव के हैं। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार कर्नाटक की जनता किस पर अपना भरोसा जताती है।
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