कर्नाटक उपचुनाव को टालने के लिए अयोग्य विधायकों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
नई दिल्ली। कर्नाटक के अयोग्य ठहराए गए 17 विधायकों ने 5 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव को टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। विधायकों की तरफ से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई कि चुनाव की तारीखों को और आगे बढ़ाया जाए ताकि उन्हें नामांकन के लिए समय मिल सके। इस पर उच्चतम न्यायालय ने जवाब देते हुए कहा कि पहले अर्जी दीजिए, फिर विचार किया जाएगा। बता दें, कर्नाटक में आयोग्य ठहराए गए विधायकों की सीट खाली है जिस पर भारतीय निर्वाचन आयोग ने 5 दिसंबर को मतदान कराने का फैसला लिया है।
विधायकों की तरफ से वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि, अयोग्यता पर उच्चतम न्यायालय की तरफ से अभी कोई फैसला नहीं सुनाया गया है और विधायकों के पास नामांकन भरने के लिए उचित समय नहीं है। ऐसे में विधायक चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते। बता दें, 15 विधानसभा सीटों पर 5 दिसंबर को चुनाव होना है और नामांकन के लिए विधायकों के पास सिर्फ 11 से 18 नवंबर तक का समय है। अपनी अयोग्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विधायकों ने याचिका दायर की थी जिसपर सुनवाई जारी है। इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है।
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जज
बोले-
नई
अर्जी
दाखिल
करें
विधायक
सुप्रीम
कोर्ट
के
जज
एनवी
रमण
की
अगुवाई
वाली
पीछ
ने
17
विधायकों
की
ओर
से
दायर
याचिका
पर
25
दिसंबर
तक
अपना
फैसला
सुरक्षित
रखा
है।
विधायकों
की
तरफ
से
पेश
होने
वाले
वकील
मुकुल
रोहतगी
ने
जज
के
सामने
विधायकों
की
गुहार
को
बयां
किया।
उन्होंने
कहा
कि
अयोग्यता
पर
कोर्ट
का
फैसला
नहीं
आया
है
और
नामांकन
की
तारीख
में
विधायक
आवेदन
नहीं
कर
पाएंगे।
ऐसे
में
विधायकों
ने
अपील
की
है
कि
फैसला
आने
तक
चुनाव
को
टाल
दिया
जाए।
इस
पर
न्यायाधीश
ने
कहा
कि,
विधायकों
को
इसके
लिए
अलग
से
अर्जी
डालना
होगा
उसके
बाद
ही
कोर्ट
कोई
फैसला
लेगा।
बता
दें,
इससे
पहले
भी
चुनाव
आयोग
ने
विधानसभा
चुनाव
को
21
अक्टूबर
से
बढ़ा
कर
5
दिसंबर
कर
दिया
था।