कर्नाटक संकट: क्या येदियुरप्पा की तरह कुमारस्वामी भी फ्लोर टेस्ट से पहले देंगे इस्तीफा?
कर्नाटक। कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक घमासान पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। अदालत ने बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेने के लिए स्पीकर को खुली छूट दी है। ऐसे में 18 जुलाई को कर्नाटक की विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा। अब इसमें विधायकों को शामिल होना है या नहीं, ये फैसला उनपर ही निर्भर है। इसके लिए उन्हें बाध्य न किया जाए। अब कुमारस्वामी सरकार कल विश्वास मत साबित करेगी। ऐसे में अगर बागी विधायक सदन की कार्रवाई में शामिल नहीं होते तो सरकार गिर सकती है। अब सवाल यह उठता है कि क्या ऐसी स्थिति में कुमारस्वामी बहुमत साबित करने से पहले इस्तीफा देंगे?
सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि साल 2018 में कर्नाटक में ऐसी ही स्थिति थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएम येदियुरप्पा को सदन में बहुमत साबित करना था और उन्हें पता था कि उनके पास संख्या बल नहीं है और वो बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे। आपको बता दें कि हीं बागी विधायकों की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने फैसले के बाद बताया, ''15 विधायक गुरुवार को विधानसभा में उपस्थित नहीं होंगे।
ऐसे में जानिए पूरा समीकरण
अगर स्पीकर बुधवार (यानी कि आज) को इन बागियों के इस्तीफे मंजूर कर लेते हैं तो सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। सरकार के पास 100 का आंकड़ा होगा, जबकि भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। यदि स्पीकर बागियों को अयोग्य ठहरा देते हैं तो भी सदन में गुरुवार को विश्वास मत के दौरान सरकार को बहुमत के लिए 105 का आंकड़ा जुटाना होगा। यह उसके पास नहीं होगा। ऐसे में भी सरकार गिर जाएगी।