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कर्नाटक: SC के फैसले के बाद और बढ़ीं कांग्रेस-जेडीएस की मुश्किलें, विधानसभा में ये है बहुमत का गणित

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बेंगलुरु। कर्नाटक के 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कुमारस्वामी सरकार की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए इस्तीफा दे चुके बागी विधायकों को बाध्य नहीं किया जा सकता है। हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा कि बागी विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा स्पीकर अपने विवेक से फैसला ले सकते हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सभी की नजरें गुरुवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट पर हैं जब सीएम कुमारस्वामी विधानसभा में बहुमत साबित करने पहुंचेंगे। आइए जानते हैं, फ्लोर टेस्ट के दौरान क्या हालात बन सकते हैं।

बहुमत के लिए चाहिए 113 की संख्या

बहुमत के लिए चाहिए 113 की संख्या

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विधानसभा स्पीकर को 16 बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेना है। ये उनके विवेक पर निर्भर करता है कि वे क्या फैसला लेते हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि विधायकों का इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए। इस्तीफा देने वाले विधायकों में 13 कांग्रेस के और 3 जेडीएस के हैं। कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या पर नजर डालें तो कुल संख्या 225 है, इसमें स्पीकर और एक मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं। सत्ता में बने रहने के लिए सीएम कुमारस्वामी को 113 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। कांग्रेस (78), जेडीएस (37) और बसपा (1) की मदद से कुमारस्वामी सरकार के पास अभी 116 विधायक हैं। जबकि 16 विधायक बागी होकर विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं।

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बागी विधायकों का इस्तीफे मंजूर हुए तो..

बागी विधायकों का इस्तीफे मंजूर हुए तो..

अब अगर स्पीकर इन बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो सरकार को बहुमत के लिए 105 विधायकों की जरूरत होगी। लेकिन तब सरकार के पास 100 विधायकों का समर्थन ही रहेगा, ऐसे में कुमारस्वामी सरकार गिर सकती है। बता दें कि भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उसे दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है।

अयोग्य करार दिए जाने पर क्या होगा?

अयोग्य करार दिए जाने पर क्या होगा?

अगर स्पीकर बागी विधायकों को अयोग्य करार दे देते हैं तब भी बहुमत के लिए 105 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। उस वक्त कुमारस्वामी के पास 100 विधायकों का समर्थन ही होगा और इस स्थिति में भी कांग्रेस-जेडीएस के नेतृत्व वाली कुमारस्वामी सरकार गिर जाएगी।

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सरकार के खिलाफ वोटिंग किया तो

सरकार के खिलाफ वोटिंग किया तो

यदि 16 बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के दौरान सरकार के खिलाफ वोटिंग करते हैं तो सरकार के पक्ष में 100 वोट ही पड़ेंगे। यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 113 के आंकड़े से कम होगी। कुमारस्वामी सरकार विश्वास मत खो देगी और सरकार के खिलाफ वोट करने वाले बागियों की सदस्यता रद्द हो जाएगी।

विश्वासमत के दौरान बागी विधायकों के गैरहाजिर रहने पर

विश्वासमत के दौरान बागी विधायकों के गैरहाजिर रहने पर

अगर बागी विधायक विश्वासमत के दौरान विधानसभा में मौजूद नहीं होते हैं तो 209 की संख्या में यानी तब भी बहुमत के लिए 105 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। लेकिन बागी विधायकों की गैर-मौजूदगी में सरकार के पास 100 विधायकों का समर्थन ही होगा और सरकार गिर जाएगी। बता दें कि गुरुवार को कर्नाटक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा।

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English summary
karnataka crisis: what numbers says ahead of floor test of kumaraswamy government
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