कर्नाटक के 15 बागी विधायकों के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, जानिए बड़ी बातें
बेंगलुरु। 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद मुश्किल में फंसी कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार का संकट जस का तस बना हुआ है। इस्तीफे को लेकर 15 बागियों की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। एक लंबी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाने के लिए बुधवार सुबह साढ़े दस बजे का वक्य तय किया है। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीनों पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी दलीलें पेश की गई।
कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी
इस मामले पर सुनवाई शूरू हुई तो सीजेआई रंजन गोगोई ने बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी से इस्तीफे की तारीख पूछी। मुकुल रोहतगी से इसका जवाब देते हुए कोर्ट को बताया कि पहले 6 जुलाई को विधायकों ने इस्तीफा दिया था, केवल दो के खिलाफ अयोग्यता का मामला लंबित है। 5 और विधायकों ने इस्तीफा दिया लेकिन स्पीकर मंजूरी नहीं दे रहे हैं। इस मामले में अयोग्यता की कार्रवाई अनुचित है। उन्होंने कहा कि 10 जुलाई को स्पीकर ने विधायकों को मिलने के लिए बुलाया था, स्पीकर से मीटिंग के बाद उन्होंने इस्तीफा सौंपा था।
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स्पीकर मनमाने ढंग से अयोग्य घोषित करना चाहते हैं- रोहतगी
मुकुल रोहतगी से सीजेआई ने पूछा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए क्या आधार दिए गए, रोहतगी ने जवाब दिया- जब आपकी पार्टी का विधायक आपके साथ नहीं, दूसरी पार्टी के साथ खड़ा हो जाता है तो समझना चाहिए कि अब वह आपके साथ नहीं है। स्पीकर मनमाने ढंग से इस्तीफा मंजूर करने के बजाय अयोग्य ठहराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि स्पीकर के पास कोई ठोस तथ्य ना हो, तब तक इस मामले में जांच नहीं हो सकती है।
स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करना चाहिए या नहीं, हम तय नहींं करेंगे- सीजेआई
मुकुल रोहतगी ने बागी विधायकों की ओर से कहा, 'मैं विधायक बने रहना नहीं चाहता। कोई मुझे इसके लिए मजबूर नहीं कर सकता। मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाना चाहिए। स्पीकर इस्तीफे को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, स्पीकर एक ही समय में-इस्तीफे और अयोग्यता दोनों मुद्दों पर निर्णय लेने का प्रयास कर रहे हैं।' इसपर सीजेआई ने कहा कि हम ये तय नहीं करेंगे कि स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करना चाहिए या नहीं, हम केवल ये देख सकते हैं कि संवैधानिक रूप से स्पीकर पहले किस मुद्दे पर फैसला ले सकते हैं।
कोर्ट पाबंदी हटाए तो कल सुना सकते हैं फैसला- सिंघवी
सीजेआई ने स्पीकर के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि अगर आप इस्तीफे पर फैसला कर सकते हैं, तो लीजिए, पिछले साल हमने 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया तो आपने आपत्ति नहीं जताई थी, क्योंकि वो आपके हक में था। फिर अब तक इनके इस्तीफे पर निर्णय क्यों नहीं लिया गया। इसपर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जब अयोग्य होने पर सुनवाई जारी है तो विधायक इस्तीफा कैसे दे सकते हैं। उन्होंने सीजेआई के सामने दलील दी कि आप (सुप्रीम कोर्ट) पाबंदी हटाइए तो हम कल तक इस्तीफे और अयोग्यता पर फैसला ले लेंगे और इसके पीछे कारण भी देंगे। वहीं, इस मामले में कर्नाटक के सीएम की तरफ से पैरवी कर रहे राजीव धवन ने भी अपना पक्ष रखा।
कोर्ट को नहींं सुननी चाहिए ऐसी अर्जियां- राजीव धवन
वकील राजीव धवन ने कहा- इनके इस्तीफे के पीछे की वजह जानना महत्वपूर्ण है, जब स्पीकर से मिलना था तो वे मुंबई चले गए। सुप्रीम कोर्ट को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस तरह की याचिका पर विचार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पीकर को आंखें मूंदकर नहीं बैठना चाहिए जब 11 लोगों को टारगेट कर सरकार के खिलाफ तोड़फोड़ की साजिश रची जा रही हो। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों द्वारा लगाए गए आरोप गलत हैं।