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कर्नाटक: कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद अब बागी विधायकों पर मंडरा रहा बड़ा खतरा

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बेंगलुरु। कई दिनों की सियासी उठापटक के बाद मंगलवार को कर्नाटक में जारी सियासी नाटक का अंत हो गया, जब कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिर गई। मंगलवार शाम विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग में कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में 99 और उनके खिलाफ 105 वोट पड़े। इसके बाद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। एक तरफ बीजेपी सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी है तो दूसरी तरफ, कांग्रेस की नजरें अब बागी विधायकों की अयोग्यता पर आने वाले फैसले पर टिकी हैं।

बागी विधायकों की अयोग्यता पर टिकी नजरें

बागी विधायकों की अयोग्यता पर टिकी नजरें

कांग्रेस के नेताओं को भरोसा है कि बागी विधायक अयोग्य ठहराए जाएंगे, इससे वे अगली सरकार में मंत्री नहीं बन पाएंगे। कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बागी विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर एक या दो दिन में फैसला ले लेंगे और उनको 100 फीसदी भरोसा है कि वे अयोग्य करार दिए जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, स्पीकर बागी विधायकों को विश्वासमत से पहले अयोग्य करार नहीं दे सकते थे क्योंकि, नियमों के तहत अयोग्य ठहराने के लिए 7 दिनों का नोटिस देना होता है। 7 दिनों के इस नोटिस की समयावधि बुधवार को पूरी हो रही है।

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कांग्रेस की नजर अब बीजेपी पर

कांग्रेस की नजर अब बीजेपी पर

कांग्रेस की नजर अब बीजेपी पर है, इसके बाद पार्टी आगे की रणनीति बनाएगी। दूसरी तरफ, बागी विधायकों ने समन के खिलाफ स्पीकर को चिट्ठी लिखकर 4 हफ्ते का वक्त मांगा है। इस मामले में सिद्धारमैया ने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की याचिका दी है। जबकि विधायकों ने विधानसभा स्पीकर से कहा है कि उन्हें याचिका की कॉपी और अयोग्य ठहराए जाने से जुड़े पेपर अभी नहीं मिले हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बागी विधायकों को मिली थी राहत

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बागी विधायकों को मिली थी राहत

दरअसल, बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी, इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि इन विधायकों को फ्लोर टेस्ट के दौरान सदन में आने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। इस तरह, व्हिप जारी होने के बावजूद बागी विधायक अयोग्य ठहराए जाने से बच गए थे। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इन विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि अदालत के आदेश के कारण पार्टी के अधिकारों का हनन हुआ है।

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English summary
karnataka crisis: kumaraswamy loses trust vote, eyes on rebel mla's decision
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