कर्नाटक: 18 जुलाई को होगा कुमारस्वामी सरकार का फ्लोर टेस्ट, चर्चा के बाद होगी वोटिंग
बेंगलुरु: कर्नाटक में चल रहे सियासी संकट को लेकर बड़ी खबर आ रही है। सोमवार को कांग्रेस के नेता और सूबे के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा में सरकार 18 जुलाई को फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के 5 बागी विधायकों की अपील पर सुनवाई करने पर अपनी सहमति दे दी। कोर्ट मंगलवार को कांग्रेस-जेडीएस के 10 अन्य विधायकों के साथ उनकी अपील पर भी सुनवाई करेगी। इन सबका आरोप है कि स्पीकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
फिलहाल कर्नाटक का संकट टलता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस और जेडीएस के बागी नेता इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। मुंबई के रेनसां होटल में ठहरे कांग्रेस के 14 बागी विधायकों ने फिर से पुलिस से मदद मांगी है। उनका कहना है कि उनसे किसी भी नेता को मिलने से रोका जाए क्योंकि उन्हें खतरा है। इसी बीच कर्नाटक में विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट की मांग की। बीजेपी ने जोर देकर कहा कि गठबंधन बहुमत खो चुका है, इसलिए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए या फिर आज फ्लोर टेस्टे के जरिए बहुमत साबित करना चाहिए। विधानसभा सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है।
Siddaramaiah, Congress: Discussion on vote of confidence will be taken up on Thursday at 11 am in Karnataka Assembly. pic.twitter.com/bXDJIHbGqX
— ANI (@ANI) July 15, 2019
सोमवार को लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया कि गुरुवार (18 जुलाई) को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। चर्चा के बाद प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार को आदेश दिया है कि वो 16 जुलाई तक कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों के इस्तीफे या फिर उनकी अयोग्यता को लेकर कोई फैसला ना लें।
क्या गिर जाएगी कर्नाटक सरकार
अब तक कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायकों ने अब तक इस्तीफा की बात कही है, इसमें से 14 विधायक को गठबंधन की ओर लौटने के लिए संपर्क किया जा रहा है। यदि स्पीकर 16 बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करते हैं, तो कांग्रेस-जेडीएस के पास 101 सांसद रह जाएंगे। वहीं बीजेपी के 105 विधायक है और दो निर्दलीयों का उन्हें समर्थन हासिल है। कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं। यदि स्पीकर द्वारा कम से कम 11 इस्तीफे स्वीकार किए जाते हैं तो बीजेपी के विश्वास मत जीतने की संभावना है।
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