कर्नाटक के सियासी संकट में नया मोड़, कांग्रेस के 5 और बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
नई दिल्ली: कर्नाटक के सियासी संकट पर शनिवार को नया मोड़ आया। कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। विधायकों का कहना है कि कर्नाटक के विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने ये आरोप लगाया कि उन्हें अयोग्यता का डर दिखाकर सरकार का समर्थन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार को आदेश दिया कि वो 16 जुलाई तक कांग्रेस-जेडीएस के विधायकों के इस्तीफे या फिर उनकी अयोग्यता को लेकर कोई फैसला ना लें। गौरतलब है कि कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों ने स्पीकर के इस्तीफा ना स्वीकार करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। स्पीकर ने 10 विधायकों के इस्तीफे को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि वे सही प्रारूप में नहीं थे। शनिवार को सुप्रीम कोर्ट जाने वाले विधायकों में सुधाकर, रोशन बेग, एमटीबी नारगाज, मुनिरत्न और आनंद सिंह के नाम हैं। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले बागी विधायकों की संख्या 15 हो गई है।
कांग्रेस मनाने में जुटी
इससे पहले कांग्रेस के एक बागी विधायक एमटीबी नागराज ने रिपोर्टरों से कहा कि डीके शिवकुमार और अन्य नेता उनके पास आए और इस्तीफा वापस लेने की अपील की। नागराज ने आगे कहा कि वह दूसरे विधायकों से बात करने के बाद अपने रुख पर फैसला करेंगे। नागराज ने इस्तीफा वापस लेने के सवाल पर कहा कि मैं सुधाकर राव से बात करूंगा और फिर देखूंगा कि क्या किया जाना है। आखिरकार मैंने कांग्रेस में दशकों बिताए हैं।
स्पीकर के फैसले पर नजर
गौरतलब है कि अब तक कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायकों ने अब तक इस्तीफा की बात कही है, इसमें से 14 विधायक को गठबंधन की ओर लौटने के लिए संपर्क किया जा रहा है। यदि स्पीकर 16 बागी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार करते हैं, तो कांग्रेस-जेडीएस के पास 101 सांसद रह जाएंगे। वहीं बीजेपी के 105 विधायक है और दो निर्दलीयों का उन्हें समर्थन हासिल है। कर्नाटक विधानसभा में 224 सीटें हैं। यदि स्पीकर द्वारा कम से कम 11 इस्तीफे स्वीकार किए जाते हैं तो बीजेपी के विश्वास मत जीतने की संभावना है।
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