कर्नाटक में अब कांग्रेस का नया फॉर्मूला, हर दो साल में होगा रोटेशन
बेंगलूरू: कर्नाटक में कुमारस्वामी कैबिनेट के पहले विस्तार के बाद भी मंत्रीपद को लेकर उठापटक शांत नहीं हुई है और इसी को देखते हुए कांग्रेस ने एक नया फॉर्मूला बनाया है। कांग्रेस इसे रोटेशन पॉलिसी कह रही है और उनका मानना है कि नाराज लोगों को इस पॉलिसी के जरिये मनाया जा सकता है। कांग्रेस ने रोटेशन की नीति के साथ ये संदेश देने की कोशिश की है कि लाइन में और भी हैं जो मंत्री पद के दावेदार हैं।
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार में कांग्रेस मंत्रियों को दो साल बाद नए चेहरों से बदल दिया जाएगा, जबकि हर 6 महीने में ठीक से काम न करने वाले मंत्रियों को उनके काम के आधार पर मूल्यांकन कर हटा दिया जाएगा।
पहली बार के विधायक कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे
केसी वेणुगोपाल ने बताया, 'यह फाइनल कैबिनेट नहीं है। मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा हर छह महीने की जाएगी और जो लोग उसे पूरा नहीं कर पाएंगे उन्हें जाने के लिए कह दिया जाएगा। फिलहाल, पहली बार के विधायक कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे। 6 सीट को रोक कर रखा जा रहा है। मंत्रियों का कार्यकाल दो साल के रोटेशन के आधार पर ही है।'
2 साल बदले जाएंगे मंत्री
केपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने कहा कि रोटेशन के तहत दो साल बाद फिर से बदलाव होगा और उन नए मंत्रियों का तीन साल का कार्यकाल होगा। लेकिन जो बेहतर नहीं कर पाएंगे, उन्हें छह महीने के प्रदर्शन के मूल्यांकन के दौरान जाने के लिए कहा जाएगा।
नाराज विधायक बीजेपी के संपर्क में
पार्टी के जो सदस्य इस कैबिनेट में जगह नहीं बना सके उन्ंहोंने वेनुगोपाल और परमेश्वर पर सही विकल्प न चुनने का आरोप लगाया है। पार्टी के सूत्रों ने बताया कि आलाकमान इन मंत्री पद के दावेदारों द्वारा असंतोष पर नजर बनाए हुए है। पार्टी के ही एक सूत्र ने बताया कि जो आलाकमान के खिलाफ बोल रहे हैं उन्हें भविष्य में मंत्री पद नहीं दिया जाएगा। हालांकि पाटिल ने ऐसी किसी बात से इंकार किया।
हालांकि, पिछली सिद्धारमैया सरकार के प्रमुख सदस्यों को नजरअंदाज कर दिया गया है। उनमें से एक, कुरुबा नेता एच एम रेवन्ना ने कहा कि वह भाजपा के साथ बातचीत कर रहे हैं और पार्टी में शामिल होने की योजना बना रहे हैं। भाजपा ने भी स्वीकार किया कि रेवन्ना ने उनसे संपर्क किया था और उन्हें पार्टी में शामिल करने में कोई दिक्कत नहीं है।
बेंगलुरू में गुरुवार को एम बी पाटिल आवास पर एक बैठक में एम टी बी नागराज, सतीश जर्किहोली, के सुधाकर और बेग समेत असंतुष्ट विधायक ने मौजूद थे। बैठक के बाद एआईसीसी सचिव जर्किहोली ने कहा कि उन्होंने कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की क्योंकि कई लोग पार्टी को मजबूत करने के प्रयासों के बावजूद मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से परेशान थे।