कर्नाटक कांग्रेस ने मंहत शिव कुमार स्वामी को भारत रत्न ना देने पर जताया दुख
नई दिल्ली- कर्नाटक कांग्रेस ने सिद्धगंगा मठ के प्रमुख शिवकुमार स्वामी को भारत रत्न ना मिलने पर दुख जताया है। शुक्रवार शाम को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत रत्न पुरस्कारों के नाम की घोषणा की गई। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, गायक भूपेन हजारिका और समाजसेवी नानाजी देशमुख को भारत रत्न देने का ऐलान किया गया है। इनमे से भूपेन हजारिका और नाना देशमुख को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार दिया गया है।
लिंगायत समुदाय के अध्यात्मिक गुरू शिवकुमार स्वामी का निधन सोमवार को 111 साल की उम्र में हुआ था। शिवकुमार स्वामी को साल 2015 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। उनके निधन से पहले राज्य की सभी मुख्य पार्टियों के नेताओं ने कहा था कि उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए। जनता दल सेक्युलर के ो अध्यक्ष और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने टुमकूर में जहां सिद्धगंगा मठ स्थित है कहा था कि शिवकुमार को भारत रत्न मिलना चाहिए। जहां उनके विचार को कर्नाटक भाजपा के प्रमुख बीएस येदियुरप्पा का भी समर्थन मिला था। उनकी मौत के बाद ये फिर से उठी थी।
भारत
रत्न
के
नामों
के
ऐलान
के
बाद
कर्नाटक
कांग्रेस
ने
ट्वविटर
पर
ट्वीट
कर
लिखा
कि
ये
दुर्भाग्यपूर्ण
है
कि
शिवकुमार
स्वामी
को
सिद्धारमैया
सरकार
के
सिफारिश
करने
के
बावजूद
भारत
रत्न
पुरस्कार
नहीं
दिया
,
जबकि
अभी
भी
गठबंधन
सरकार
ने
इसकी
सिफारिश
की
थी।
यहां
तक
कि
भाजपा
नेताओं
ने
भी
इसके
समर्थन
में
अपनी
आवाज
उठाई
थी।
कर्नाटक कांग्रेस के चीफ दिनेश गुंडु ने ट्ववीट कर कहा कि जहां एक तरफ हमें गर्व है कि कांग्रेस के सीनियर नेता डॉक्टर प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न पुरस्कार से नवाजा गया है। वहीं पीएमओ इंडिया और पीएमन नरेंद्र मोदी ने हमारे चलता-फिरते भगवान स्वामी जी को नजरअंदाज किया है।
गौरतलब है कि शिवकुमार स्वामी 12वीं शताब्दी के समाज सुधारक बासवा के अवतार माने जाने वाले, लिंगायत संत श्री सिद्धगंगा एजुकेशनल सोसायटी के प्रमुख थे. यह संस्थान पूरे कर्नाटक में 125 शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है. इसमें इंजीनियरिंग कॉलेज से लेकर बिजनेस स्कूल भी शामिल हैं. गरीब छात्रों को यह संस्थान फ्री एजुकेशन दिलवाता है।