Karnataka:मंत्रियों के दबाव के सामने झुके CM येदियुरप्पा, विभागों में फिर से उलटफेर
नई दिल्ली-कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को अपने कैबिनेट सहयोगियों के दबाव में झुकना पड़ा है और उनकी नाराजगी को शांत करने के लिए कैबिनेट के विभागों का फिर से बंटवारा किया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री को विभागों में यह फेरबदल विभागों के नए सिरे से बंटवारे के एक दिन बाद ही करना पड़ा है। गौरतलब है कि 13 जनवरी को येदियुरप्पा कैबिनेट में जिन नए मंत्रियों को शामिल किया गया था, उनके बीच गुरुवार को विभागों का बंटवारा किया गया था। लेकिन, कई विभाग जो पहले के मंत्रियों से लेकर उन्हें बांटे गए, उसकी वजह से कई मंत्रियों के असंतुष्ट होने की खबरें थीं, जिन्हें शांत करने के लिए येदियुरप्पा ने शुक्रवार को पोर्टफोलियो में फिर से बदलाव किए हैं।
माना जा रहा है कि शुक्रवार को येदियुरप्पा को जो फैसला लेना पड़ा है, वह 77 साल के मुख्यमंत्री के लिए आगे इस तरह के और दबाव का सामने करने का कारण बन सकता है। मसलन, जेसी मुधुस्वामी, जिनसे पहले लघु सिंचाई, कानून और संसदीय मामले का विभाग छीन लिया गया था, उन्हें पहले आवंटित मेडिकल शिक्षा के अलावा अब हज और वक्फ विभाग भी दिया गया है। के गोपीनाथ, जिन्होंने 16 विधायकों के साथ पाला बदलकर येदियुरप्पा को सत्ता दिलाने में मदद की थी, उन्हें एक्साइज विभाग दिया गया है।
इसी तरह एन नागाराजू , जो पहले मिले विभाग के खिलाफ खुल कर आवाज उठाने वालों में शामिल हैं, उन्हें पहले मिले विभाग के अलावा निगम प्रशासन और गन्ना विकास विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। यही नहीं येदियुरप्पा ने अपने पास मौजूद योजना, कार्यक्रम निगरानी और स्टैटिस्टिक्स विभाग भी केसी नारायण गौड़ा के हवाले कर दिए हैं। इसके बावजूद भी मामला शांत नहीं हुआ है। जो विधायक अभी भी मंत्री बनने से वंचित रह गए हैं, उन्होंने आपस में बैठकें शुरू कर दी हैं और वह केंद्रीय नेतृत्व तक अपनी बात पहुंचाने के अलावा बाकी विकल्पों पर मंथन कर रहे हैं।
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