कर्नाटक चुनाव: वोटरों को देवी-देवताओं की कसमें खिलवा रहे हैं नेता
कर्नाटक चुनाव में वोटर्स को कुछ भी 'उपहार' देने से पहले कसम दिलाने का चलन जोर-शोर से चल पड़ा है
नई दिल्ली। कर्नाटक का चुनावी दंगल दिलचस्प होता जा रहा है। सीएम सिद्धारमैया के फेस और राहुल गांधी के धारदार अभियान के बल पर जहां कांग्रेस सत्ता बरकरार रख दूसरी पारी सुनिश्चित करने के मिशन पर जुटी हुई है तो वहीं बीजेपी को मोदी लहर और येदियुरप्पा के लिंगायत कार्ड के जरिए सत्ता में वापसी की पूरी उम्मीद है। वहीं जेडीएस भी तीसरे प्लेयर के रूप में किंगमेकर बनने की तैयारी में लगी है। कुमारस्वामी ने बीएसपी के साथ गठबंधन किया है। उनकी ताकत को भी कम करके नहीं आंका जा सकता। इसी बीच खबर है उम्मीदवार चुनाव प्रचार के दौरान वोटरों से अपने पक्ष में वोट डालने के लिए कसम खिलवा रहे हैं। प्रचार के दौरान मां ओम शक्ति के नाम की कसम खिलवाई जा रही है।
'ओम शक्ति की तस्वीर निकाली और कसम दिलाई'
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बेंगलुरु विधानसभा सीट के लिए प्रचार के दौरान एक बड़ी पार्टी के नेता ने गजब का हथकंडा अपनाया। वह उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने के लिए एक वोटर के घर में घुसा और उनके घर में मौजूद महिला को सोने की नाक की पीन दे दी। इसके बाद प्रचार करने वाले शख्स ने जेब से मां ओम शक्ति की तस्वीर निकाली और परिवार से कसम खाने को कहा कि वे इसी उम्मीदवार को वोट देंगे। फिर प्रचार करने वाले शख्स ने पूरे मोहल्ले में ऐसे ही वोट मांगे। उसे पता था कि इस इलाके में इन देवी को लोग खास तौर पर महत्व देते हैं।
गिफ्ट में दिए जा रहे कई सामान
कर्नाटक चुनाव में वोटर्स को कुछ भी 'उपहार' देने से पहले कसम दिलाने का चलन जोर-शोर से चल पड़ा है। उपहार में सोने की बाली, नथ से लेकर पूजा का सामान, कुकर, घड़ियां तक हैं, वहीं कसम दिलाने के लिए भगवानों को भी समझदारी के साथ चुना जा रहा है। प्रचार करने वाले एक शख्स के मुताबिक 'हमारा मानना है कि अगर कोई वोटर अपने भगवान की कसम खा रहा है, तो वह हमें ही वोट देगा, किसी भी हाल में पीछए नहीं हटेगा।'
उपहार देते वक्त देवी-देवताओं की कसम दिलाना नहीं भूल रहे हैं
प्रचार के दौरान इस्तेमाल की जा रही भगवानों की तस्वीरें क्षेत्र और समुदाय के हिसाब से अलग-अलग हैं। कोप्पल के रहने वाले कुरुबा समुदाय के लोग हुलजंती मलिंगराया को मानने वाले हैं। कोप्पल के रहने वाले सोशल वर्कर आर रवि ने बताया, 'नेता वोटों के लिए अपील करते वक्त और कुछ उपहार देते वक्त देवी-देवताओं की कसम दिलाना नहीं भूल रहे हैं। हालांकि कुछ पढ़े-लिखे लोग वोटिंग के समय इसे नहीं मानेंगे, लेकिन ज्यादातर लोग इस कसम को तोड़ नहीं पाएंगे।'
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