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कर्नाटक उपचुनाव: हर हाल में बची रहेगी येदियुरप्‍पा सरकार !

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बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव में 15 सीटों पर गुरुवार यानी आज वोटिंग हो रही है। उपचुनाव के नजीते 9 दिसंबर को आएंगे उपचुनाव के परिणामों का इंतजार राज्य के सभी दलों को बड़ी बेसब्री से रहेगा। क्योंकि इन परिणामों से पता चलेगा कि कर्नाटक में चार महीने पुरानी बीजेपी सरकार टिकी रहेगी या गिर जाएगी। सत्ता में बने रहने के लिए कर्नाटक की येदियुरप्‍पा सरकार को हर हाल में इन 15 में छह सीटों पर जीत दर्ज करानी आवश्‍यक हैं।

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आम तौर पर उपचुनावों पर कोई भी पार्टी ज्यादा फोकस नहीं करती है लेकिन पिछले दिनों कर्नाटक में जिस तरीके से सियासी उठापटक हुई और येदियुरप्पा सरकार बनी, उसके बाद इन उपचुनावों पर सबकी नजर टिकी हुई हैं। मौजूदा स्थिति में बीजेपी को राज्य में सरकार बनाए रखने के लिए कम से कम 6 सीटें जीतना जरूरी है, लिहाजा येदियुरप्पा ने इन चुनावों को लेकर बेहद गंभीर है तो वहीं विपक्ष भी चुनाव में अपनी ताकत झोंक चुका है। उपचुनाव के परिणाम के बाद राज्य में एक बार फिर सियासी गहमा गहमी बढ़ जाने की संभावना है। इन 15 निर्वाचन क्षेत्रों के वोटर के वोट ही भाजपा का भविष्‍य निर्धारित करने वाले हैं। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा के पास 105 विधायक हैं।

बीजेपी का बागियों पर है पूरा भरोसा

बीजेपी का बागियों पर है पूरा भरोसा

युदियुरप्‍पा और भाजपा ने कांग्रेस और जेडीएस से टूट कर आए विधायकों पर जिस विश्‍वास से उपचुनाव में दांव लगाया है, वो तो ये ही जता रहा है कि भाजपा के लिए उपचुनाव में 6 सीटें जीत कर सत्ता में बने रहना में कोई मुश्किल नही हैं।

गौरतलब है कि जिन 15 निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव हो रहा है उसमें पूर्व में 12 पर कांग्रेस का कब्जा था और तीन सीटें जद (एस) के पास थीं। चूंकि इन सीटो पर पूर्व में जीते हुए भाजपा में शामिल हुए बागी विधायकों को ही भाजपा ने उपचुनाव में अपने प्रत्‍याशी के रुप में उतारा है। इसलिए भाजपा उनकी जीत पर पूरा भरोसा है।

बता दें सभी बागी विधायक जो कांग्रेस-जेडीएस को छोड़कर बीजेपी में आए थे, इन लोगों ने पिछले वर्ष 14 नवंबर को सत्तारुढ़ पार्टी भाजपा का दामन थाम लिया था जिसमें 13 विधायक कांग्रेस के थे और 3 जेडीएस और एक निर्दलीय विधायक थे।

विधानसभा अध्‍यक्ष्‍य के आर रमेश कुमार ने 25 और 28 जुलाई को इन विधायकों को अयोग्‍य घोषित कर दिया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को अपने फैसले में इनकी अयोग्यता बरकरार रखते हुए इन्‍हें दोबारा चुनाव लड़ने की इजाजत दी थी। चुनावी मैदान में 13 वो हैं जो आयोग्य करार दिए गए थे जिन्हें भाजपा ने उपचुनाव में टिकट दिया है।

क्या भाजपा के सामने चलेगी कांग्रेस की कोई चाल

क्या भाजपा के सामने चलेगी कांग्रेस की कोई चाल

गौरतलब हैं कि कांग्रेस और जेडीएस दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। लेकिन महाराष्‍ट्र में कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना के साथ भाजपा को सत्ता से बाहर रखने में कामयाब होने के बाद कांग्रेस की निगाह अब कर्नाटक पर हैं। भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए वह एक बार फिर पुरानी चाल चल सकती हैं। उपचुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में कर्नाटक में कांग्रेस एक बार फिर सरकार बनाने के लिए जेडीएस हा हाथ थामने की बात भी कर चुकी है। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर ने भी कहा कि अगर हालात पैदा होते हैं तो कांग्रेस और जेडीएस के साथ आने की संभावना है।

जेडीएस अगर बनती है किंगमेकर तो

जेडीएस अगर बनती है किंगमेकर तो

लेकिन जेडीएस संस्थापक एच डी देवगौड़ा और उनके बेटे कर्नाटक के पूर्व मुख्‍यमंत्री कुमारस्‍वामी पिछली सरकार के कांग्रेस के कटु अनुभव के आधार पर कांग्रेस का हाथ थामने की गलती शायद ही दोबारा करेंगे। जिसका अंदाजा देवगौड़ा के इस बयान से लगाया जा सकता है जिसमें उन्‍होंने कहा था कि कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस साथ आएंगे यह एक सवाल है, लेकिन हमारे साथ जुड़ने के बारे मीडिया में पूर्व में आयी खबरें गलत हुई थीं। हमें उससे ज्ञान प्राप्त हुआ है, इसलिए हम ऐसा दोबारा नहीं करेंगे।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्‍ताह जेडीएस पार्टी के एक विधायक जीटी देवगौड़ा ने कहा था कि बीजेपी सरकार को जेडीएस के कुछ विधायक अपना समर्थन दे रहे हैं। हालांकि देवगौड़ा के इस दावे पर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट किया कि हमारी पार्टी के कुछ विधायकों द्वारा बीजेपी की नई सरकार को समर्थन देने की बात इन दिनों चर्चाओं में हैं। मैं आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि इस तरह की कोई भी बात पूरी तरह से आधारहीन है। हम कर्नाटक की जनता के लिए अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं और यह आगे भी जारी रहेगी।

इन सीटों पर हो रहा उपचुनाव

इन सीटों पर हो रहा उपचुनाव

कर्नाटक में उपचुनाव यहां की अठानी, कगवाड़, गोकक, येलापुर, हिरेकेरूर, रानीबेन्नूर, विजयनगर, चिकबेलापुर, के.आर. पुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लेआउट, शिवाजीनगर, होसाकोटे, के.आर. पेटे, हुनसूर सीटों पर होंगे. मुसकी (राइचुर जिला) और आर.आर. नगर (बेंगलुरू) के उपचुनाव पर कर्नाटक उच्च न्यायालय में मई 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर दायर मुकदमे की वजह से रोक लगा दी गई है।

9 दिसंबर को कुल 165 उम्मीदवारों की किस्मत का होगा फैसला

15 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 165 उम्मीदवार खड़े हैं, जिसमें 126 निर्दलीय और नौ महिलाएं शामिल हैं। बीजेपी और कांग्रेस सभी 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि जेडीएस ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं, जहां चुनाव त्रिकोणीय होने की संभावना है। बेलगावी जिले के अठानी, उत्तर कन्नड़ जिले के येलापुर और बेंगलुरू ग्रामीण जिले के होसाकोटे में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।

इसे भी पढ़े- कर्नाटक उपचुनाव: भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए क्या फिर साथ आएगी कांग्रेस-जेडीएस ?

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English summary
CM Yeddyurappa's government rests on by-election results in Karnataka. Know why the BJP has full hope that the BJP will survive in Karnataka.
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