BSP से निकाले जाने पर क्या बोले कर्नाटक के विधायक एन महेश
पार्टी का आदेश ना मानने पर मायावती ने एन महेश को बसपा से निष्कासित कर दिया। वहीं, अब इस मामले पर एन महेश ने भी जवाब दिया है।
नई दिल्ली। लंबे सियासी घमासान के बाद आखिरकार कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार मंगलवार शाम को गिर गई। विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 105 विधायकों ने वोट दिया। कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक में नई सरकार बनाने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। सदन में हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान बहुजन समाज पार्टी के इकलौते विधायक एन महेश गैरहाजिर रहे। हालांकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने एन महेश से कुमारस्वामी की सरकार के पक्ष में वोट करने का निर्देश दिया था। इसके बाद पार्टी का आदेश ना मानने पर मायावती ने एन महेश को बसपा से निष्कासित कर दिया। वहीं, अब इस मामले पर एन महेश ने भी जवाब दिया है।
एन महेश ने मायावती के ट्वीट पर क्या कहा
मंगलवार शाम को फ्लोर टेस्ट से गैरहाजिर रहने पर बीएसपी से निकाले जाने के बाद विधायक एन महेश ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'मुझे नहीं पता कि मुझे पार्टी से क्यों निकाला गया है। पहले मुझसे कहा गया था कि मैं फ्लोर टेस्ट की वोटिंग में हिस्सा ना लूं। बाद में मुझे ट्वीट के बारे में बताया गया। फ्लोर टेस्ट में वोटिंग को लेकर मुझे बीएसपी से कोई निर्देश नहीं मिला। मैं बेंगलुरु में नहीं था इसलिए मुझे ट्वीट के बारे में पता नहीं था। मैंने बहनजी के आदेश का उल्लंघन नहीं किया है और मैं बीएसपी में ही बना रहूंगा।' गौरतलब है कि इससे पहले एन महेश ने कहा था कि अगर फ्लोर टेस्ट को लेकर उन्हें बीएसपी नेतृत्व से कोई निर्देश नहीं मिलता है, तो वो वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे। इसके बाद मायावती ने एन महेश को कुमारस्वामी की सरकार के पक्ष में वोट करने का निर्देश दिया।
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अनुशासनहीनता के आरोप में मायावती ने पार्टी से निकाला
आपको बता दें कि बसपा मुखिया मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा था, 'बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कर्नाटक में अपने बीएसपी के विधायक को सीएम कुमारस्वामी की सरकार के समर्थन में वोट देने हेतु निर्देशित किया है।' कुमारस्वामी की सरकार गिरने और बीएसपी विधायक के वोटिंग में हिस्सा ना लेने के बाद मायावती ने मंगलवार शाम को ही ट्वीट कर कहा, 'कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देने के पार्टी हाईकमान के निर्देश का उल्लंघन करके बीएसपी विधायक एन महेश आज विश्वास मत में अनुपस्थित रहे जो अनुशासनहीनता है जिसे पार्टी ने अति गंभीरता से लिया है और इसलिए एन महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।'
'सरकार गिराने को किया सत्ता व धनबल का इस्तेमाल'
वहीं, कर्नाटक में सरकार गिरने को लेकर मायावती ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए हा, 'कर्नाटक में बीजेपी ने संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखने के साथ-साथ जिस प्रकार से सत्ता व धनबल का इस्तेमाल करके विपक्ष की सरकार को गिराने का काम किया है, वह भी लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज रहेगा। इसकी जितनी भी निन्दा की जाए वह कम है।' आपको बता दें कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीएसपी और जेडीएस गठबंधन कर चुनाव लड़े थे, जिसमें केवल एक सीट पर बीएसपी को जीत मिली थी। मंगलवार शाम को हुए फ्लोर टेस्ट में कुल 20 विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया और जेडीएस-कांग्रेस की संख्या 117 से गिरकर 99 हो गई।
'विकास का नया युग शुरू होगा'
वहीं, कुमारस्वामी की सरकार गिरने के बाद पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने कहा, 'यह लोकतंत्र की जीत है। लोग कुमारस्वामी सरकार से ऊब गए थे। मैं कर्नाटक की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अब विकास का नया युग शुरू होगा। हम किसानों को भरोसा दिलाते हैं कि आने वाले दिनों में हम उन्हें और महत्व देंगे। हम जल्द से जल्द इस पर फैसला लेंगे।' वहीं भाजपा नेता जगदीश शेट्टर ने कहा कि फिलहाल बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए हैं। इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद यह उन पर है कि वे बीजेपी में शामिल होते हैं या नहीं। बहरहाल हमारे पास 105 विधायक हैं और बीजेपी के पास बहुमत है। हम एक स्थिर सरकार बनाएंगे।
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