असली चैंपियन: बाढ़ में 2.5 किमी तैरकर लिया चैंपियनशिप में हिस्सा, फिर बॉक्सर ने जीता सिल्वर मेडल
नई दिल्ली- कर्नाटक के बेलगावी के एक छोटे से गांव में रहने वाले 19 साल के एक बॉक्सर ने जो कमाल कर दिखाया है, वह हर किसी का हौसला बढ़ा सकता है। कर्नाटक का बेलगावी इलाका इस समय भयंकर बाढ़ की चपेट में है। निशान मनोहर नाम के उस युवा बॉक्सर का गांव बेंगलुरु से काफी दूर है। वह समझ नहीं पा रहा था कि तय तारीख पर स्टेट-लेवल चैंपियनशिप के लिए कैसे पहुंचेगा। लेकिन, उसने हिम्मत नहीं हारी। उसे पिता का साथ और आशीर्वाद दोनों मिला और उसने चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल झटककर दिखा दिखा दिया कि असली चैंपियन तो वही है।
बाढ़ में घर से निकलने की थी चुनौती
बॉक्सर निशान मनोहर कदम का गांव बेलगावी के छोटे से मन्नुर गांव में है। यह इलाका अभी बाढ़ से सबसे ज्याद प्रभावित क्षेत्रों में से है। पिछले 7 अगस्त को निशान को बेंगलुरु के लिए पास के शहर से ट्रेन पकड़नी थी। वहां उसे राज्य स्तरीय बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेना था। उसके घर और गांव के चारों ओर बाढ़ का पानी उसके सिर से भी ज्यादा ऊंचाई से बह रहा था। गांव से निकलने वाली तीनों सड़कों पर बाढ़ के पानी का बहुत तीव्र बहाव था। निशान के किसान पिता को पता था कि उनके बेटे के पास शहर जाकर ट्रेन पकड़ने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता बचा है। उन्होंने बेटे को बताया कि इस बाढ़ में तैर कर स्टेशन पहुंचने के अलावा अब कोई दूसरा उपाय नहीं है। दोनों बाढ़ में ही निकलने की तैयारी शुरू कर दी।
बाढ़ में 2.5 किमी तैरकर टीम तक पहुंचे
बेलगावी जिला टीम में शामिल होने के लिए उन्हें जिस मुख्य सड़क तक पहुंचना था, उसकी दूरी घर से करीब 2.5 किलो मीटर थी। उन्हें यह दूरी तैर कर ही पार करनी थी, लेकिन उनके पास लगेज भी बहुत ज्यादा था, जिसके बिना उनका जाना मुमकिन नहीं था। पिता और बेटे ने बॉक्सिंग किट पर प्लास्टिक लपेटकर उसे कसकर बांध दिया। दोनों ने भारी समान लेकर मुख्य सड़क की ओर बाढ़ में ही तैरना शुरू कर दिया। करीब 45 मिनट तक बाढ़ की तेज धार में स्वीमिंग करते हुए वे किसी तरह मुख्य सड़क तक पहुंचने में कामयाब हो गए। जहां से वह अपनी टीम के साथ ट्रेन पकड़कर तय समय पर बेंगलुरु पहुंच गया।
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सारी मुश्किलों को पीछे छोड़ जीता सिल्वर
बाढ़ में पौने घंटे की तैराकी के तीसरे दिन निशान उस मिशन में सफल हुआ, जिसके लिए इतना बड़ा जोखिम लिया था। रविवार को उसने अपने आयु वर्ग की बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीत लिया। 9वीं के छात्र निशान कदम ने बाद में मीडिया वालों को बताया कि,'मैं इस इवेंट का इंतजार कर रहा था और इसे किसी भी कीमत पर मिस नहीं करना चाहता था।' उसने ये भी कहा कि 'क्योंकि परा इलाका पानी से भरा था और वहां तक कोई वाहन नहीं पहुंच सकता था, हमारे पास तैरने के अलावा कोई चारा नहीं था।' उसने ये भी कहा है बैड लक की वजह से इसबार गोल्ड मिस कर गया, लेकिन अगली बार वह निश्चित गोल्ड जीतेगा।
निशान ने चैंपियनशिप को स्पेशल बना दिया
निशान मनोहर कदम के लगन और संघर्ष पर उसके पूरे टीम को गर्व है। टीम मैनेजर गजेंद्र ए त्रिपाठी ने कहा है कि परिस्थितियां इतनी खराब थी कि बहुत से बच्चों ने के माता-पिता ने उन्हें चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए नहीं भेजा है। खुद निशान पूरा प्रैक्टिस नहीं कर सका था। लेकिन, जब उसे चैंपियनशिप की जानकारी मिली तो उससे रहा नहीं गया। मैनेजर के मुताबिक निशान के संघर्ष की कहानी ने इसबार की चैंपियनशिप को बहुत ही खास बना दिया है। कर्नाटक अमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव साई सतीश ने भी इस बात पर बहुत ज्यादा खुशी जताई है कि सारी मुश्किलों के बावजूद निशान ने सभी राउंड में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है।
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