कर्नाटकः विधानसभा की हार छोड़ 'मिशन लोकसभा' में जुटी बीजेपी
कर्नाटक में सरकार बनाने में चूकने वाली भारतीय जनता पार्टी अब मिशन लोकसभा के लिए अपनी कमर कसने लगी है. बीजेपी का मानना है कि कर्नाटक में गठबंधन की नई सरकार ज़्यादा वक्त तक टिक नहीं पाएगी.
जेडीएस नेता और कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वे शपथ लेने के एक या दो दिन के भीतर विधानसभा में बहुमत साबित कर देंगे.
कर्नाटक में सरकार बनाने में चूकने वाली भारतीय जनता पार्टी अब मिशन लोकसभा के लिए अपनी कमर कसने लगी है. बीजेपी का मानना है कि कर्नाटक में गठबंधन की नई सरकार ज़्यादा वक्त तक टिक नहीं पाएगी.
जेडीएस नेता और कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वे शपथ लेने के एक या दो दिन के भीतर विधानसभा में बहुमत साबित कर देंगे.
सदन के भीतर बहुमत साबित करने के बाद कुमारस्वामी बीएस येदियुरप्पा की जगह ले लेंगे. येदियुरप्पा महज़ 55 घंटे के लिए राज्य के मुख्यमंत्री बन पाए थे और जब उन्हें लगा कि वे सरकार बनाने के लिए ज़रूरी 113 के आंकड़े को नहीं छू पाएंगे तो उन्होंने विश्वास मत से ठीक पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
सदन के भीतर विश्वास मत के दौरान मिली इस शर्मिंदगी को पीछे छोड़ बीजेपी अब साल 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए सफल प्रचार का रास्ता खोजने की कोशिश करने लगी है.
कर्नाटक में बीजेपी के प्रवक्ता डॉक्टर वमन आचार्य ने बीबीसी से कहा, ''हम मौजूदा सरकार को गिराने की योजना नहीं बना रहे हैं. कुछ महीनों में यह सरकार खुद-ब-खुद गिर जाएगी. हम आगामी लोक सभा चुनावों में 28 में से कम से कम 25 सीटें जीतने पर अपना ध्यान लगा रहे हैं.''
येदियुरप्पा अगले हफ्ते से अपना प्रचार दौरा शुरू करने जा रहे हैं. डॉ. आचार्य ने कहा, ''हम लोगों को बताएंगे कि बीजेपी और जेडीएस ने जनमत का अपमान किया है.''
कर्नाटक विधानसभा की 224 सीटों में कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर 117 सीटें प्राप्त की हैं. चुनाव के बाद हुए इस गठबंधन को राज्यपाल ने पहले सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया, इसकी जगह उन्होंने येदियुरप्पा को सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया क्योंकि चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.
कांग्रेस ने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग यानि विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त के आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि बीजेपी उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही है. लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि अगर कांग्रेस अपने विधायकों को होटल में बंद नहीं करती तो बीजेपी विश्वास मत जीत जाती.
अमित शाह ने बीजेपी पर लगे हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों को भी सरे से खारिज किया और कहा, ''वे हमारे ऊपर हॉर्स ट्रेडिंग के झूठे आरोप लगा रहे हैं जबकि उनका (कांग्रेस) तो पूरा अस्तबल ही बिक गया है.
दरअसल अमित शाह को ये सभी बातें इसलिए कहनी पड़ीं क्योंकि विधानसभा में होने वाले विश्वास मत से पहले 14 मई को कांग्रेस ने एक फोन रिकॉर्डिंग जारी की थी.
यहां तक कि विश्वास मत के दिन भी कांग्रेस ने ऐसी दो और रिकॉर्डिंग जारी की जिनमें बीजेपी नेताओं को कांग्रेस के विधायकों से बीजेपी के पक्ष में वोट करने की बात कही जा रही थी.
इस रिकॉर्डिंग से यह भी जाहिर हो रहा था कि बीजेपी नेता कांग्रेस के विधायकों को मंत्री पद और अन्य उपहारों का लालच दे रहे थे.
कांग्रेस नेता वीएस उगरप्पा ने पहली रिकॉर्डिंग जारी करते हुए कहा था कि इसमें जिस बीजेपी नेता की आवाज़ सुनाई दे रही है वह खनन मामलों में आरोपी जनार्धन रेड्डी की आवाज़ है.
इसके बाद अन्य दो रिकॉर्डिंग में कांग्रेस ने आरोप लगाए कि इनमें येदियुरप्पा की आवाज़ भी शामिल हैं साथ ही कर्नाटक में बीजेपी प्रभारी मुरलीधर राव की आवाज़ भी है.
इस बीच कुमारस्वामी ने नई सरकार के गठन के संबंध में सोमवार को सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और नई वरिष्ठ नेताओं के साथ दिल्ली में मुलाकात की.