कर्नाटक में NRC लागू नहीं करेगी बीजेपी सरकार, डेटाबेस बनाकर रखी जाएगी विदेशी नागरिकों पर नजर
बेंगलुरु। असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) की फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों की तरफ से बयानबाजी तेज है। बीजेपी के कई नेता अलग-अलग राज्यों में एनआरसी लागू करने की मांग उठाते रहे हैं। इस बीच खबर आ रही है कि बीजेपी शासित एक राज्य ने अपने यहां नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन ना लागू करने का फैसला किया है।
कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार ने असम की तर्ज पर सूबे में एनआरसी लागू करने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। हालांकि, सरकार ने कर्नाटक में रहने वाले प्रवासियों का एक डेटाबेस बनाने का फैसला किया है। इस डेटाबेस के जरिए अवैध रूप से रह रहे विदेशियों पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी। इसके पहले, कर्नाटक के गृहमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि राज्य में एनआरसी लागू किया जाएगा।
कर्नाटक में नहीं लागू होगा एनआरसी
उन्होंने कहा था कि देश में एनआरसी के कार्यान्वयन को लेकर चर्चा चल रही है। हम भी उनमें से एक हैं। बसवराज बोम्मई ने कहा था कि सीमा पार के लोग आकर बस गए हैं, हम उनके बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं और केंद्रीय गृहमंत्रालय के साथ इस मामले पर चर्चा के बाद इसपर आगे विचार करेंगे। हालांकि, अब एनआरसी को लेकर सरकार ने कहा कि वे इसे राज्य में लागू नहीं करेंगे।
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बताया जा रहा है कि कर्नाटक सरकार नागरिकों की पूरी जानकारी रखने पर विचार कर रही है। डेटाबेस के जरिए अवैध और निर्धारित समय से ज्यादा वक्त से रह रहे विदेशी नागरिकों को ट्रैक करने में मदद मिलेगी। अभी कर्नाटक में वीजा की अवधि पूरी होने के बाद भी 800 विदेशी नागरिक रह रहे हैं। दरअसल, एनआरसी को लेकर अमित शाह कहते रहे हैं कि वे देश में एक भी घुसपैठिए को नहीं रहने देंगे, ऐसे में कर्नाटक सरकार का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है।