कर्नाटक में येदियुरप्पा मंत्रिमंडल का विस्तार आज, जातीय समीकरण साधना होगी चुनौती
नई दिल्ली। कर्नाटक में आज मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा कैबिनेट विस्तार करेंगे। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने के 22 दिन बाद येदियुरप्पा सरकार कैबिनेट विस्तार कर रही है। कैबिनेट विस्तार के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी हरी झंडी दे दी है। येदियुरप्पा ने ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है कि आज भाजपा विधायकों की कॉन्फ्रेंस में बैठक होगी। इसमे कैबिनेट विस्तार पर चर्चा के बाद दोपहर में विस्तार किया जाएगा।
13 मंत्री ले सकते हैं शपथ
गुरुवार को दिल्ली रवाना होने से पहले येदियुरप्पा ने कहा था कि वह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करेंगे और कैबिनेट विस्तार पर अंतिम मुहर लगाएंगे। भाजपा सूत्रों की मानें तो 13 मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है, जिन्हें आज शपथ ग्रहण में शामिल होने का मौका मिलेगा। कर्नाटक में कुल 34 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 13 मंत्रियों के अलावा बाकी के मंत्रियों को बाद में कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। कैबिनेट विस्तार में विलंब की एक बड़ी वजह यह है कि येदियुरप्पा दिल्ली में थे, लेकिन इस मसले पर चर्चा नहीं हो सकी थी।
लिंगायत समुदाय अहम
कर्नाटक में मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जातीय समीकरण को साधना है। प्रदेश में कुल 39 लिंगायत विधायक हैं, खुद मुख्यमंत्री भी इस समुदाय से आते हैं। प्रदेश में लिंगायत भाजपा के लिए सबसे बड़ा वोटबैंक हैं। लिंगायत के बाद वोक्कालिगास के दिग्गज नेता आर अशोक, सीएन अश्वथ नारायण, सीटी रवि, एसआर विश्वनाथ बड़ा चेहरा हैं।
तमाम समीकरण को साधना चुनौती
भाजपा मंत्रिमंडल में दलित, एसटी, ब्राह्मण, ओबीसी विधायकों को भी जगह देने की कोशिश करेगी। कांग्रेस-जेडीएस के जो 17 विधायक अयोग्य घोषित किए गए हैं, उन्हें भी पार्टी मंत्रिमंडल में शामिल करने की कोशिश करेगी। लिहाजा पार्टी के सामने इन तमाम समीकरणों को साधने की चुनौती है। वहीं कांग्रेस-जेडीएस भाजपा पर मंत्रिमंडल विस्तार में जानबूझकर विलंब करने का आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
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