बिना बहुमत के कर्नाटक में कैसे सरकार बनाएगी भाजपा, ये है पूरा प्लान
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बेंगलुरू: कर्नाटक में विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद से ही सरकार बनाने के लिए नये समीकरण तलाशे जा रहे हैं। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश में है तो बीजेपी भी कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए एक नयी रणनीति पर काम कर रही है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाये या तो फ्लोर टेस्ट के दौरान उन्हें गैरहाजिर कराया जाए।
सूत्रों की मानें तो बीजेपी इसी रणनीति पर काम कर रही है कि कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों को या तो इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाये या फ्लोर टेस्ट के दौरान उन्हें गैरहाजिर कराया जाए और गठबंधन को बहुमत के लिए जरुरी संख्या 112 से कम पर लाया जाये।
BJP की कांग्रेस-जेडीएस के कम से कम 4-5 विधायकों पर नजर
हालांकि बीजेपी को एंटी डिफेक्शन लॉ को देखते हुए कांग्रेस के दो तिहाई यानी 52 विधायकों को लुभाना होगा या फिर जेडीएस के 26 विधायकों को विश्वास में लेना होगा। बीजेपी के लिए कांग्रेस-जेडीएस के इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को प्रभावित करना आसान नहीं होगा, इसलिए बीजेपी की कोशिश होगी कि कांग्रेस-जेडीएस के कम से कम 4-5 विधायकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जाये या फ्लोर टेस्ट के दौरान उन्हें गैरहाजिर कराया जाए।
विधायकों को लालच देकर लुभाने की रणनीति
इसलिए शायद रेड्डी बंधू इस लड़ाई में पैसे के दम पर कांग्रेस-जेडीएस के कुछ विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर सकते हैं। वहीं कांग्रेस की तरह से केवल एक विधायक डीके शिवकुमार ही रेड्डी बंधुओं के सामने टिकते हैं और उन्हें अभी विधायकों को सुरक्षित ठिकाने तक ले जाने का जिम्मा सौंपा गया है।
जेडीएस-काग्रेस अपने विधायकों को बचाने में जुटे
जबकि जेडीएस अपनी पूरी ताकत अपने विधायकों को किसी भी लालच से बचाने में लगा रही है। वहीं रामलिंगा रेड्डी ने कहा कि हमें अपने विधायकों पर भरोसा है, बीजेपी उन्हें लुभाने की बहुत कोशिश कर रही है। बीजेपी लोकतंत्र में भरोसा नहीं करती, बीजेपी को सिर्फ सत्ता चाहिए। सारे लोग खुश हैं, कोई यहां नाखुश नहीं है।