मुश्किल में येदुरप्पा सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने कल 4 बजे बहुमत साबित करने को कहा
बहुमत आंकड़ा होने के भाजपा के दावे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कल शाम 4 बजे सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने येदुरप्पा को 15 दिन का वक्त बहुमत साबित करने के लिए दिए थे। दोनों तरफ के वकीलों की जिरह के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिया।
बेंगलुरू। बहुमत आंकड़ा होने के भाजपा के दावे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कल शाम 4 बजे सदन में बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है। राज्यपाल ने येदुरप्पा को 15 दिन का वक्त बहुमत साबित करने के लिए दिए थे। दोनों तरफ के वकीलों की जिरह के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिया। तीन जजों की पीठ में जस्टिस एके सीकरी ने भाजपा के वकील की दलीलों पर कुछ कड़ी टिप्पणियां भी कीं।
कोर्ट ने कहा, 'एक ही उपाय है'
जस्टिस सीकरी ने कहा कि इस विवाद का व्यवहारिक हल ही एकमात्र उपाय है। इसलिए उन्होंने भाजपा के वकील से कहा है कि वो या तो कल शाम 4 बजे तक बहुमत साबित करें या फिर कोर्ट येदुरप्पा के शपथ ग्रहण की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई शुरू करेगा।
कल शाम 4 बजे तक साबित करना होगा बहुमत
इससे पहले कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी और जेडीएस के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि चूंकि उनके गठबंधन ने पहले राज्यपाल को विधायकों के दस्तखत के साथ समर्थन का पत्र दिया था, इसलिए उन्हें पहले बहुमत साबित करने का मौका मिलना चाहिए। कपिल सिब्बल का कहना था उन्हें पहले बहुमत साबित करने का मौका मिलना चाहिए और वो कभी भी बहुमत साबित करने को तैयार हैं।
कपिल सिब्बल ने की थी मांग
इस पर भाजपा के वकील तुषार मेहता का दावा था कि राज्यपाल को विधायकों के दस्तखत वाला कोई पत्र नहीं मिला है। उन्होंने दावा किया कि पत्र पर केवल बड़े नेताओं के दस्तखत थे। तुषार मेहता ने कपिल सिब्बल के दावों पर सवाल खड़े किए।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ज्यादा वक्त की मांग
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने येदुरप्पा सरकार की तरफ से एक एंग्लो इंडियन समुदाय के विधायक को मनोनीत करने पर रोक लगा दी है। सरकार की कोशिश थी कि एक सदस्य को मनोनीत कर बहुमत के आंकड़े के कुछ करीब आया जाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर भी रोक लगा दी है।
भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी सुप्रीम कोर्ट के कल बहुमत साबित करने की बात से सहमत नहीं हैं, उनका कहना है कि बहुमत साबित करने के लिए और अधिक वक्त मिलना चाहिए जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
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