कोरोना पर डाटा इकट्ठा कर रही आशा वर्कर से मारपीट, वीडियो जारी कर बताया- मस्जिद से हुआ ऐलान
नई दिल्ली। कर्नाटक में एक आशा वर्कर के साथ कथित तौर पर मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। आशा वर्कर कृष्णावेनी ने कहा है कि वो बेंगलुरू के बयातारायनपुरा में कोरोनावायरस पर डाटा जुटाने के लिए गई थी। इसी दौरान उसके साथ मारपीट की गई है। कृष्णावेनी ने बताया है कि परेशानी तब शुरू हुई जब एक मस्जिद से ऐलान किया गया कि आशा वर्करों को कोई जानकारी ना दी जाए। इसके बाद लोगों ने उनसे मारपीट की। वीडियो जारी कर उन्होंने मस्जिद से ऐलान करने वाले शख्स की गिरफ्तारी की मांग की है।
आशा कर्मचारी कृष्णावेनी ने बताया कि हमे प्रत्येक घर जाकर यह पता करने का निर्देश था कि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस से संक्रमित होने के लक्षण तो नहीं दिख रहे हैं। आशा कर्मियों को ऐसे व्यक्तियों के बारे में डाटा एकत्र करने की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसी दौरान कुछ लोगों ने उनको व्यक्ति ने डाटा एकत्र ना करने की धमकी दी। जिसके बाद कई परिवारों घरों से बाहर आए और उनके साथ बदसलूकी की।
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जारी किए गए वीडियो में आशाकर्मी कह रही हैं, हम कोरोना वायरस के खिलाफ जागरूकता पैदा करने के लिए घर-घर जा रहे हैं और परिवारों से जानकारी ले रहे हैं। यहां जब हम पहुंचे तो लोगों ने हम पर सवाल उठाए और पूछा कि किसके कहने पर हम यहां आए हैं। मस्जिद से ऐलान हो गया तो लोगों ने हमारे साथ बुरा बर्ताव किया। मैं पिछले 5 सालों से आशा कर्मी हूं, मेरे साथ कभी इस तरह की घटना नहीं हुई।
बुधवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। यहां एक महिला की जांच करने पहुंचे स्वास्थ विभाग की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया। इंदौर के ताटपट्टी भक्खल में हेल्थ वर्कर कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए एक शख्स की जांच करने गए थे।
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