Karnataka: फ्लोर टेस्ट से पहले डीके शिवकुमार ने बागी विधायकों से की भावुक अपील
नई दिल्ली। कर्नाटक में आज जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार की अग्निपरीक्षा है। जिस तरह से पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस-जेडीएस के तमाम विधायकों ने इस्तीफा दिया, उसके बाद प्रदेश में कुमारस्वामी सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार को इस बात का भरोसा है कि प्रदेश सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन उन्होंने तमाम बागी विधायकों से अपील की है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि तमाम बागी विधायकों को फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, जिसके बाद डीके शिवकुमार ने इन विधायकों से अपील की है, अभी समय है, हमे भरोसा है कि हमारे दोस्तों का दिमाग बेहतर काम करेगा।
बेअसर
अपील
डीके
शिवकुमार
ने
कहा
कि
ये
तमाम
विधायक
हमारे
लिए
अहम
हैं,
ये
लोग
पांच-छह
बार
से
विधायक
हैं।
बता
दें
कि
जिस
तरह
से
प्रदेश
में
कांग्रेस-जेडीएस
के
16
विधायकों
ने
पिछले
दो
हफ्तों
में
इस्तीफा
दिया
और
दो
निर्दलीय
विधायकों
ने
भी
इस्तीफा
दिया,
उसके
बाद
प्रदेश
की
गठबंधन
सरकार
खतरे
में
है।
बागी
विधायकों
को
मनाने
के
लिए
शिवकुमार
लगातार
कोशिशें
कर
रहे
हैं,
लेकिन
अभी
तक
विधायकों
के
रुख
में
कुछ
खास
बदलाव
देखने
को
नहीं
मिल
रहा
है।
शिवकुमार
तमाम
विधायकों
को
मनाने
के
लिए
मुंबई
के
होटल
भी
पहुंचे
थे,
लेकिन
उन्हें
होटल
के
बाहर
की
काफी
देर
तक
इंतजार
करना
पड़ा
और
इन
विधायकों
ने
शिवकुमार
से
मुलाकात
नहीं
की।
मुंबई
से
निराश
होकर
शिवकुमार
को
बैरंग
फ्लाइट
लेकर
बेंगलुरू
वापस
जाना
पड़ा।
शिवकुमार
ने
की
अपील
हालांकि
कांग्रेस
ने
तमाम
बागी
विधायकों
को
चेतावनी
दी
है
कि
अगर
वह
पार्टी
के
व्हिप
को
नहीं
मानते
हैं
तो
उन्हें
अयोग्य
करार
दे
दिया
जाएगा।
लेकिन
बागी
विधायकों
का
कहना
है
कि
उन्हें
इस्तीफा
देने
के
बाद
सदन
में
आने
के
लिए
बाध्य
नहीं
किया
जा
सकता
है।
शिवकुमार
ने
कहा
कि
मैं
व्यक्तिगत
रूप
से
तमाम
विधायकों
ससे
अपील
करना
चाहता
हूं
कि
आप
अपनी
सदस्यता
को
मत
छोड़िए।
अगर
आप
कुछ
हासिल
करना
चाहते
हैं,
आपके
पास
सदन
है,
आपकी
पार्टी
है,
लेकिन
जब
आप
सदस्यता
ही
छोड़
देंगे
तो
आपके
उपर
दलबदल
कानून
लागू
होगा,
ये
लोग
मंत्री
नहीं
बन
सकते
हैं।
शिवकुमार
ने
कहा
कि
बच्चों
के
पास
भी
इतनी
समझ
है
कि
सदन
की
सदस्यता
छोड़ने
के
बाद
आप
मंत्री
नहीं
बन
सकते
हैं।
क्या
है
गणित
गौरतलब
है
कि
अगर
बागी
विधायक
फ्लोर
टेस्ट
में
शामिल
नहीं
होते
हैं
तो
सदन
में
बहुमत
के
लिए
105
विधायकों
की
आवश्यकता
होगी।
वहीं
जेडीएस-कांग्रेस
का
गठबंधन
118
से
घटकर
100
पर
आ
जाएगा।
वहीं
भाजपा
दो
निर्दलीय
विधायकों
के
समर्थन
के
साथ
107
के
आंकड़े
पर
पहुंच
जाएगी।
अगर
तमाम
बागी
विधायकों
के
इस्तीफों
को
स्वीकार
कर
लिया
जाता
है
तो
भी
बहुमत
का
आंकड़ा
यही
रहेगा।
बता
दें
कि
अगर
विधायकों
को
अयोग्य
करार
दिया
जाता
है
तो
इन्हें
मंत्री
बनने
के
लिए
फिर
से
चुनकर
आना
होगा।
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