कारगिल विजय दिवस: जब वाजपेयी ने 22 दिन पहले ही कर दिया था पाकिस्तान पर जीत का ऐलान
नई दिल्ली। कारगिल की जंग को आज 20 साल पूरे हो गए। आज ही के दिन 26 जुलाई 1999 को जम्मू कश्मीर के कारगिल में जारी भारत और पाकिस्तान के बीच करीब तीन से महीने से चले आ रहे संघर्ष के खत्म होने का ऐलान भारत की जीत के साथ किया गया था। हर साल 26 जुलाई को देश विजय दिवस का जश्न मनाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि उस समय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चार जुलाई को ही पाकिस्तान पर जीत का ऐलान कर दिया था। जानिए क्या था वह पूरा किस्सा और क्यों वाजपेयी ने ऐसा किया।
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टाइगर हिल पर लॉन्च हुआ ऑपरेशन
3 जुलाई 1999 की शाम को भारतीय सेना ने टाइगर हिल को दुश्मन से छुड़ाने के लिए ऑपरेशन शुरू कर दिया था। अगले दिन हरियाणा में एक रैली थी जिसे वाजपेयी संबोधित करने वाले थे। इसी रैली में वाजपेयी ने सेना की सफलता के साथ भारत की विजय का ऐलान कर दिया। इंडियन आर्मी ऑफिसर ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) एमपीएस बाजवा उस समय सेना की 192वीं माउंटेन ब्रिगेड को कमांड कर रहे थे। इसी ब्रिगेड पर टाइगर हिल को दुश्मन से छुड़ाने की जिम्मेदारी थी। उन्हें आज भी रैली में वाजपेयी का वह विजय घोष याद हैं।
भारत को मिली जीत
ब्रिगेडियर बाजवा कहते हैं, 'अगर चीजें दूसरी तरह से होती तो शायद बड़ी शर्मिंदगी होती लेकिन हमें जीत हासिल हुई।' उन्होंने बताया कि जिस दिन वाजपेयी ने जीत का ऐलान किया था उसी दिन पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ ने अमेरिका में उस समय के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मुलाकात की थी। यहां से चीजें बदलीं और पाक ने अपनी सेनाओं को वापस बुलाने का फैसला किया। उस समय 200,000 भारतीय सैनिकों ने जंग में हिस्सा लिया था। करगिल की जंग में कुल 527 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। वहीं पाकिस्तान के 700 सैनिक मारे गए थे।
लाहौर बस सेवा के साथ पाक की साजिश
कारगिल में जंग की तैयारी पाकिस्तान ने फरवरी 1999 के बाद से ही शुरू कर दी थी। वाजपेयी भारत से लाहौर तक बस लेकर गए थे और पाक में उस समय के आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ किसी और साजिश को अंजाम देने में लगे हुए थे। मार्च 1999 में इस बात की जानकारी सेना को दी गई थी कि कश्मीर के कुछ हिस्सों में पाकिस्तान के आतंकी घुसपैठ कर रहे हैं। पाक ने अपने सैनिकों के साथ ही आतंकियों को भी घुसपैठ कराई थी।
-10 डिग्री में लड़ रहे थे हमारे सैनिक
60 दिनों तक चला यह संघर्ष मई 1999 में शुरू हुआ और जुलाई में जाकर खत्म हुआ। द्रास जहां पर युद्ध लड़ा जा रहा था वहां पर तापमान -10 डिग्री से भी नीचे चला जाता था। सेना को एक भेड़ चराने वाले व्यक्ति ताशी नामग्याल ने 3 मई 1999 पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ की जानकारी दी थी। इसके बाद सेना की तरफ से एलओसी के अंदर तक दाखिल हो गए आतंकियों को हटाने के लिए ऑपरेशन विजय लॉन्च किया गया था।