#KargilVijayDiwas: 20 साल पहले आज के दिन भारत ने सरहद पर छुड़ाए थे PAK के छक्के
नई दिल्ली। ''या तो तू युद्ध में बलिदान देकर स्वर्ग को प्राप्त करेगा या विजयश्री प्राप्त कर धरती का राज भोगेगा।'' गीता के इसी श्लोक को प्रेरणा मानकर भारत के शूरवीरों ने कारगिल युद्ध में दुश्मन को पांव पीछे खींचने के लिए मजबूर कर दिया था। कृतज्ञ राष्ट्र भारत आज कारगिल पर विजय की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। 1999 में आज ही के दिन भारत के वीर सपूतों ने कारगिल की चोटियों से पाकिस्तानी फौज को खदेड़कर तिरंगा फहराया था।
कैसे शुरु हुई थी जंग
1998 की सर्दियों में ही कारगिल की ऊंची पहाडि़यों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा जमा लिया था। 1999 की गर्मियों की शुरुआत में जब सेना को पता चला तो सेना ने उनके खिलाफ ऑपरेशन विजय चलाया। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में 527 भारतीय जवान शहीद हुए थे। वह सैन्य ऑपरेशन आठ मई को शुरू हुआ और 26 जुलाई को खत्म हुआ।
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करगिल युद्ध में 527 जवान शहीद
इस युद्ध में भारतीय आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 527 जवान शहीद हुए, जबकि 1363 जवान घायल हुए थे। एक जवान युद्धबंदी का शिकार हुआ था। एक लड़ाकू विमान और एक हेलीकाप्टर को भी मार गिराया गया था। वहीं, पाकिस्तानी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उनके 357-453 सैनिक मारे गए थे, जबकि 665 से अधिक घायल हुए थे, आठ सैनिक युद्धबंदी के शिकार हुए थे।
वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने तोड़ दी थी पाकिस्तान की कमर
बाद में 11 मई से भारतीय वायुसेना भी इस जंग में शामिल हो गई थी लेकिन उसने कभी एलओसी पार नहीं की। वायुसेना के लड़ाकू विमान मिराज, मिग-21, मिग 27 और हेलीकॉप्टर ने पाकिस्तानी घुसपैठियों की कमर तोड़ दी। करीब 16 हजार से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर यह लड़ाई लड़ी गई। करीब दो महीने तक चला कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और ताकत का ऐसा उदाहरण है जिस पर हर भारतीय को गर्व है।
जो वीर जवान हुए परमवीर चक्र से सम्मानित
इस युद्ध के बाद चार शुरवीरों को भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। जिसमें लेफ्टीनेंट मनोज कुमार पांडे (प्रथम बटालियन, ग्यारहवीं गोरखा राइफल्स, मरणोपरांत), ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव (अठारहवीं बटालियन, द ग्रेनेडियर्स), राइफलमैन संजय कुमार (तेरहवीं बटालियन, जम्मू कश्मीर राइफल्स) और कैप्टन विक्रम बत्रा (तेरहवीं बटालियन, जम्मू कश्मीर राइफल्स, मरणोपरांत) शामिल हैं।
करगिल की फिजाओं में देशभक्ति का संगीत गूंज रहा है...
आज एक बार फिर से द्रास, करगिल की फिजाओं में देशभक्ति का संगीत गूंज रहा है, शुक्रवार को एक बार फिर शहीदों के लिए मेला लग रहा है, शहीदों के सम्मान में दूर-दूर से लोग द्रास के शहीद स्मारक में पहुंचे हैं, वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने करगिल दिवस के मौके पर शहीदों को याद किया।
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