कपिल सिब्बल ने बताई वजह क्यों टेलीकॉम सेक्टर पर है 8 लाख करोड़ का कर्ज
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने टेलीकॉम सेक्टर में बढ़ते कर्ज को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कपिल सिब्बल ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर कमाई का जरिया नहीं होते हैं, सरकार को इन सेक्टर्स को कमाई के तौर पर नहीं देखना चाहिए, बल्कि ये सेक्टर लोगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए होते हैं। कपिल सिब्बल ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर को समय देने की जरूरत है, सरकार को अपनी नीतियों को व्यवहारिक करना चाहिए नाकि इस सेक्टर से कमाई के बारे में सोचना चाहिए।
भाजपा है जिम्मेदार
कपिल सिब्बल ने कहा कि आखिर क्यों टेलीकॉम सेक्टर पर तकरीबन 8 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। भाजपा पर तंज कसते हुए सिब्बल ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि जब भाजपा विपक्ष में थी तो उसने बहुत महान काम किया, जिसकी वजह से फॉरेन इन्वेस्टमेंट नहीं आया, लिहाजा टेलीकॉम सेक्टर पर इतने बड़े कर्ज के लिए भाजपा ही जिम्मेदार है। बता दें कि खुद दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि एजीआर की वजह से टेलीकॉम सेक्टर की हालत काफी खराब है।
कंपनियों को बड़ा घाटा
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर का वित्त वर्ष 2018-19 में अडजस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू (एजीआर) एक चौथाई घटकर 1.39 लाख करोड़ रुपये रह गया है। वित्त वर्ष 2016-17 में यह 1.85 लाख करोड़ रुपए था। इससे साफ पता चलता है कि टेलीकॉम सेक्टर की सेहत कितनी खराब है। इस सेक्टर पर करीब 8 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है, जिसमें भारती एयरटेल का 1.16 लाख करोड़ रुपये, वोडाफोन का 99,300 करोड़ रुपए का कर्ज है।
सिर्फ जियो को मुनाफा
मार्केट में जियो की एंट्री के बाद सितंबर 2016 में टैरिफ वॉर शुरू होने के बाद रिलायंस जियो इन्फोकॉम एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसने टेलीकॉम इंडस्ट्री में मुनाफा दर्ज किया है। इस लहर में एयरसेल और रिलायंस कम्यूनिकेशन दिवालिया हो गए। गौरतलब है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2020 के लिए टेलीकॉम सेक्टर के लिए 50,519 रुपये का बजट का प्रावधान किया था, जोकि मुख्यत: लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम पेमेंट और स्पेक्ट्रम चार्ज की कमाई से आएगा। रविशंकर प्रसाद ने यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फीस को मौजूदा 5 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी करने की मांग की है।
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