कोर्ट में अंबानी के लिए पैरवी लेकिन बाहर उन्हीं पर निशाना साध रहे कपिल सिब्बल
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सीनियर वकील कपिल सिब्बल एक तरफ अनिल अंबानी का विरोध कर रहे हैं तो दूसरी ओर कोर्ट में उनके बचाव में भी दलीलें दे रहे हैं। उनकी इस भूमिका को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने जमकर ट्रोल भी किया। उनकी इस भूमिका पर बीजेपी ने सवाल उठाते हुए निशाने पर लिया है। हालांकि इसके पीछे कुछ कांग्रेस नेता यह भी तर्क देते रहे है कि वकालत उनका पेशा है। इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
अब एक बार फिर सिब्बल ने कांग्रेस नेता के रूप में पीएम मोदी के साथ अनिल अंबानी पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि एयरबस, फ्रांस सरकार, अनिल अंबानी सभी जानते थे कि पीएम ने 9 से 11 अप्रैल 2015 के बीच फ्रांस यात्रा के दौरान एमओयू साइन करेंगे। लेकिन इस ट्वीट के कुछ मिनट के बाद कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी के लिए पेश हुए। जहां वे एरिक्सन इंडिया की ओर से रिलायंस कम्युनिकेशंस के के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर अंबानी का बचाव करने उतरे थे।
बस इधर बीजेपी को मौका मिल गया और उसने तुरंत कपिल सिब्बल के विरोधाभासी रवैये पर सवाल खड़े कर दी। पार्टी के प्रवक्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील नलिन कोहली ने कहा कि एक वरिष्ठ अधिवक्ता पर किसी भी मामले में पेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, अनिल अंबानी पर सिब्बल के दो विरोधाभासी रुख से शिष्टाचार का सवाल उठता है। हालांकि कपिल सिब्बल इसको विरोधाभासी नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि मैं रिलायंस कम्युनिकेशंस की ओर से एरिक्सन के खिलाफ पेश हुआ था और इसका राफेल से कोई लेना देना नहीं है। यह कॉर्पोरेट लड़ाई है और अनिल अंबानी एमडी हैं। मैं उनके लिए 20 साल से पेश हो रहा हूं।
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