कभी मोदी के खिलाफ आग उगलने वाले कपिल मिश्रा आज बने बीजेपी के सिरदर्द, पढ़े उनके विवादित बयान
बेंगलुरु। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने वाले और विरोध करने वालों ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली को हिंसा की आग में झोंक दिया। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में बीते तीन दिनों से जारी हिंसा में अब तक एक हेड कान्सटेबल समेत 22 लोगों की जान जा चुकी हैं। हालांकि पुलिस के अनुसार अब हालात काबू में है। इस पूरे मामले की शुरुआत से भाजपा नेता कपिल मिश्रा का नाम लाइम लाइट में हैं। दिल्ली में हिंसा भड़काने के आरोप में उनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई गई हैं। उन पर आरोप लगाया है कि दिल्ली में सीएए के समर्थन में भड़काऊ भाषणों से लोगों को भड़काया। जिसके बाद आरजकता फैली।
पुलिस को दिया था ये अल्टीमेटम
हालांकि कपिल मिश्रा अब खुद भी अब बैकफुट पर आ चुके हैं और ट्वीट के जरिए शांति की अपील कर रहे हैं और बता रहे हैं कि उन्हें जान से मारने की धमकी भरे फोन आ रहे हैं। दरअसल, कपिल मिश्रा रविवार को अपने समर्थकों के साथ मौजपुर पहुंचे थे और उन्होंने पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था और दूसरे दिन ही हिंसा भड़क गई। माना जा रहा है कि कपिल मिश्रा ने भले ही सड़क जाम से नाराज लोगों के गुस्से को स्वर दिया हो लेकिन उनके सड़क पर उतरने टाइमिंग मोदी सरकार के लिए ही मुश्किल खड़ी कर दी हैं।
मोदी सरकार के लिए खड़ी कर दी ये मुसीबत
बता दें दिल्ली में पुलिस सीधे गृहमंत्रालय के अधीन आती है। पुलिस के सामने कपिल मिश्राा का ये कहना कि वो सड़क खुलवाने में नाकाम है और तीन दिन में रास्ते नहीं खुले तो वो पुलिस की भी नहीं सुनेंगे एक तरह से अमित शाह के नेतृत्व को ही खुला चैलेंज कर दिया था। हालांकि मिश्रा की मंशा स्वाभाविक रूप से ऐसी नहीं रही होगी लेकिन अनजाने में उन्होंने ऐसा करके सेल्फ गोल कर लिया है।
पीएम मोदी को कह चुके हैं आईएसआई एजेंट
यह पहला मौका नहीं हैं जब कपिल मिश्रा ने कोई विवादित बयान दिया हैं। दिल्ली हिंसा के बाद विपक्षी दलों के साथ भाजपा नेताओं के निशाने पर आए कपिल मिश्रा का विवादित बयानों से पुराना नाता हैं। मिश्रा जब आम आदमी पार्टी में थे तब वो नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते थे। मिश्रा ने साल 2016 में नरेंद्र मोदी को आईएसआई का एजेंट बताया था जिसके बाद मोदी समर्थकों समेत भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पर करारा जवाब दिया था। कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा था, ‘क्या प्रधानमंत्री के रूप में हमारे पास आईएसआई एजेंट है! यह काफी गंभीर मामला है कि प्रधानमंत्री ने भारत विरोधी ताकतों के आगे सरेंडर कर दिया!
'मोदी आंतकी मेहमानों को बिरयानी-मटन खिलाते हैं'
कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी में रहते हुए देश के पीएम मोदी के खिलाफ आग उगलते हुए कहा था कि आईएसआई के नागों को भी दूध पिलाते हैं मोदी, मोदीआंतकी मेहमानों में मटन और बिरायानी खिलाते हैं। कपिल मिश्रा ने तो 2015 के दिल्ली विधानसभा में पीएम मोदी को लोकतंत्र और संविधान दोनों के लिए खतरनाक बताया था। उस समय कपिल मिश्रा ने कहा था कि नरेंद्र मोदी के हाथों में संविधान सुरक्षित नहीं है। इसके आलवा भी कई बार विपक्षी पार्टी आप में रहते हुए कपिल मिश्रा ने पीएम मोदी पर कई आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
नोटबंदी के समय मोदी पर की थी ये आपत्तिजनक टिप्पणी
भाजपा में शामिल होने के बाद पीएम मोदी के नाम की दिन रात माला जपने वाले ये वहीं कपिल मिश्रा हैंं जिन्होंने दिल्ली विधानसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़े-बड़े आरोप लगाए थे। कपिल मिश्रा ने नोटबंदी पर भी सवाल खड़े करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उस समय विधानसभा में कपिल ने कहा था कि पीएम मोदी कहते हैं कि दो हजार का नोट एटीएम फिट नहीं होता, नोटा का साइज में प्रॉब्लम है, लेकिन हम कहते हैं कि नोट के साइज में प्रॉब्लम नहीं है बल्कि मोदी के दिमाग के साइज में प्रॉब्लम है।
भाजपा के लिए क्यों हैं इतने खास कपिल मिश्रा
कभी पीएम मोदी के खिलाफ आग उलने वाले कपलि मिश्रा पीएम मोदी और अमित शाह के इस लिए खास बने क्योंकि मई 2017 में इसी कपिल मिश्रा के आक्रामक अंदाज ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की नींद उड़ा दी थी। उन्होंने मुख्यमंत्री पर न केवल 2 करोड़ रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था बल्कि एसीबी में बाकायदा शिकायत भी दर्ज करवाई थी। कपिल मिश्रा ने एसीबी में करते हुए इन आरोपों को लेकर लाइ डिटेक्टर टेस्ट करवाने की बात भी कही थी। लेकिन उस समय केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के वे आरोप सिद्ध कभी नहीं हो पाए। जिसके बाद कपिल को मंत्री पद से हटाते हुए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान विवादों में रहे
गौरतलब है कि दिल्ली सीएम केजरीवाल और आम आदमी पार्टी में रहते हुए कपिल मिश्रा ने अपनी पार्टी पर लगातार जमकर हमले किए थे। उतने हमले शायद ही अब तक किसी ने अपनी ही पार्टी के साथ खड़े रहते हुए किए हो। हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान उनके कई बयान विवादों में रहे। चुनाव के दौरान उन्होंने अपने एक बयान में कहा था कि 8 फरवरी को यानी कि मतदान वाले दिन दिल्ली के सड़कों पर भारत और पाकिस्तान का मैच होगा। इस बयान के बाद दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दायर की थी और चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया था। दिल्ली चुनाव के दौरान उन्होंने एक ट्वीट में कहा था कि ‘दिल्ली में छोटे-छोटे पाकिस्तान बने। कपिल मिश्रा करावल नगर से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे1 लेकिन वो 11 हज़ार वोटों से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी से हार गए।
कुमार विश्वास के काफी करीबी माने जाते हैं कपिल मिश्रा
26 नवंबर 2012 को जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो अरविंद केजरीवाल की टीम में कपिल मिश्रा भी शामिल थे। कपिल मिश्रा कवि और आप पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास के करीबी हैं। याद रहे ओखला के विधायक अमानतुल्लाह खान ने जब कुमार विश्वास का विरोध किया था उस वक्त कपिल आप पार्टी के अकेले ऐसा नेता थे जो कुमार विश्वास के साथ खड़े थे। 2017 में विरोध के बाद कई बार कपिल और कुमार विश्वास के भाजपा ज्वाइन करने की बात उठती रही लेकिन कपिल ने कई बार यह बात कही कि वो 2004 से आंदोलन से जुड़े हुए थे और वे कहीं नही जाएंगे बल्कि वहीं रहकर सफाई करेंगे. झाड़ू चलाएंगे। कूड़ा हटाएंगे।
कपिल मिश्रा की मां रही हैं बीजेपी की नेता
बता दें कि कपिल मिश्रा का परिवार पूर्वी उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का है। कपिल का जन्म 13 नवंबर 1980 को हुआ था। कपिल की मां अन्नपूर्णा मिश्रा बीजेपी नेता रही हैं। वे पूर्वी दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रह चुकी हैं। उनके पिता का नाम रामेश्वर मिश्रा 'पंकज' है, वे समाजवादी सोच वाले नेता रहे हैं. कपिल की सोच थोड़ी अलग थी जिसके चलते उन्होंने शुरुआत से ही बीजेपी और आरएसएस से अपनी दूरी बनाए रखी लेकिन अंत में परिस्थितियां कुछ ऐसी हुईं कि 17 अगस्त 2019 को उन्होंने आखिरकार बीजेपी ज्वाइन ही कर ली।
कपिल मिश्रा इस धांधली के खिलाफ भी उठा चुके हैं आवाज
कपिल मिश्रा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंबेडकर कॉलेज से बीए और फिर सोशल वर्क में एमए की पढ़ाई की है। कपिल अपने पढ़ाई के समय से ही सामाजिक आंदोलन से जुड़ गए थे। दिल्ली में काम करने वाले 'यूथ ऑफ जस्टिस' संगठन के को-फाउंडर भी रहे हैं। कपिल ने कई सामाजिक समस्याओं को लेकर तमाम विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। कॉमनवेल्थ खेलों में डेवलपमेंट के नाम पर हुई धांधलियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले शुरुआती लोगों में भी कपिल मिश्रा का नाम शामिल है. कपिल ने इस मुद्दे पर 'इट्ज कॉमन वर्सेज वेल्थ' नाम की एक किताब भी लिखी है। कपिल ने जेसिका लाल मर्डर केस, किसानों की आत्महत्या और यमुना में अतिक्रमण को लेकर कई बार प्रोटेस्ट भी किया था।