कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश कराएगी योगी सरकार, सुरक्षा को लेकर ये अहम तैयारी
नई दिल्ली। सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है। बुधवार (17 जुलाई) से सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है। लाखों की संख्या में कांवड़िए गंगा जल लेकर यात्रा शुरू करते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। वहीं, पिछले साल की तरह ही इस साल भी यूपी सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराने का फैसला किया है।
हेलीकॉप्टर से होगी फूलों की बारिश
यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि कांवड़ियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की बारिश वेस्टर्न यूपी के साथ-साथ पूरे उत्तर प्रदेश में कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य की योगी सरकार ने इसके लिए खास इंतजाम किए हैं। डिप्टी सीएम ने बताया कि इस बार बीजेपी कार्यकर्ता भी सूबे में जगह-जगह स्टाल लगाकर कांवड़ियों का स्वागत करेंगे।
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हेलीकॉप्टर और ड्रोन कैमरों से होगी निगरानी
केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि कांवड़ियों को इस बार सावन में किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो, इसके लिए अफसरों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि डीजे पर कांवड़िए भोले बाबा के भजन बजा सकेंगे। यूपी में सुरक्षा की बात करें तो कांवड़ यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर और ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। कांवड़ यात्रा के मार्ग 5 किमी के दायरे में यूपी-100 की पीसीआर मौजूद रहेगी और कांवड़ यात्रा मैनेजमेंट एप के माध्यम से पूरी जानकारी मिलेगी। इसके पहले, सीएम योगी आदित्यानाथ ने कांवड़ यात्रा को लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए थे। डीजे को लेकर सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे इस बात का ध्यान रखेंगे कि डीजे पर सिर्फ भजन ही बजे, फिल्मी और अश्लील गाने न बजने पाए।
सीएम योगी ने भी दिए थे अधिकारियों को निर्देश
एक महीने तक चलने वाली कांवड़ यात्रा 17 जुलाई से प्रारंभ हो गई है। अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान सीएम योगी ने निर्देश दिया था कि जिलाधिकारी समय रहते शिवालयों की व्यवस्था दुरुस्त कराएं और हर शिवालय पर सुरक्षा के साथ जरूरी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएं। सीएम योगी ने अधिकारियों को यात्रा के दौरान थर्मोकोल और प्लास्टिक बैग के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए थे, साथ ही कांवड़ यात्रा के मार्ग या उनके ठहरने के स्थानों के पास शराब की दुकानें और अवैध बूचड़खाने ना हों, इसका ध्यान रखने को कहा था।