पूर्व आईएएस कन्नन गोपीनाथन को पुणे यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में जाने से रोका गया
नई दिल्ली। पूर्व आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथन को सोमवार को पुणे यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में घुसने से रोक दिया गया। वो एक कार्यक्रम में यहां पहुंचे थे। जिसके बाद छात्र उन्हें लाइब्रेरी भी दिखाना चाहते हैं लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। कश्मीर में संचार साधनों को बंद करने और दूसरी पाबंदियां आयद करन
नई दिल्ली। पूर्व आईएएस अफसर कन्नन गोपीनाथन को सोमवार को पुणे यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में घुसने से रोक दिया गया। वो एक कार्यक्रम में यहां पहुंचे थे। जिसके बाद छात्र उन्हें लाइब्रेरी भी दिखाना चाहते हैं लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई। कश्मीर में संचार साधनों को बंद करने और दूसरी पाबंदियां आयद करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कन्नन ने पिछले महीने आईएएस सेवा से इस्तीफा दे दिया था। अपने फैसले को लेकर वो काफी चर्चा में आए थे।
कन्नन गोपीनाथन सोमवार एक यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। उन्होंने इंडिन एक्सप्रेस के एक बातचीत में कहा कि छात्र उन्हें कैंपस दिखाना चाहते थे। ऐसे में वो उन्हें लेकर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी जयकर रिसोर्स सेंटर लेकर गए। लाइब्रेरी की अधिकारी अपर्णा राजेंद्र ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद वो लौट आए।
जयकर रिसोर्स सेंटर की डायरेक्टर इंचार्ज अपर्णा राजेंद्र ने कहा कि वह सिर्फ यह चाहती थीं कि कन्नन लाइब्रेरी विजिट करने की जो प्रक्रिया हैं, उसका पालन करें। उन्होंने उसे नहीं माना और वापस लौट गए। कन्नन के साथ मौजूद रहे छात्रों का कहना है कि जब लाइब्रेरी में घुसने की अनुमति मांगी गई तो लाइब्रेरी के अधिकारियों ने हमसे जिस तरह बात की उससे हमें परेशानी हुई।
बता दें कि कश्मीर मुद्दे पर केंद्र के रवैये को लेकर दादरा नगर हवेली में तैनात युवा आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने इस्तीफा दे दिया था। 33 साल के कन्नन गोपीनाथन ने कहा था कि सरकारी अधिकारी होने के नाते वे अनुच्छेद 370 के हटाए जाने पर अपने विचार व्यक्त नहीं कर सकते हैं और इसी मजबूरी की वजह से उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा था कि जिस तरह कश्मीरियों को अपनी बात कहने का मौका नहीं दिया जा रहा, उससे वो निराश हैं।
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