'संविधान बचाओ' रैली में राष्ट्रगान भूल गए कन्हैया कुमार, आखिरी दो लाइन में की ये गलती
नई दिल्ली। सीपीआई नेता और जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार इन दिनों बिहार के अलग-अलग जिलों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ रैली निकाल रहे हैं। इस दौरान पटना के गांधी मैदान में 'संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ' महारैली के दौरान कन्हैया कुमार ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। वहीं, कन्हैया कुमार ने गांधी मैदान में मौजूद लोगों से खड़े होकर राष्ट्रगान गाने की अपील की और फिर राष्ट्रगान शुरू किया, लेकिन कन्हैया राष्ट्रगान बीच में ही भूल गए।
राष्ट्रगान में गलती कर गए कन्हैया कुमार
कन्हैया कुमार ने रैली के दौरान जब राष्ट्रगान शुरू किया तो उन्होंने अंतिम दो लाइन में 'जन-गण मंगल', की जगह 'जन-मन-गण' गा दिया। हालांकि, कन्हैया को अपनी गलती का एहसास हुआ और फिर उन्होंने राष्ट्रगान पूरा किया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा और यूजर्स ने कन्हैया कुमार को ट्रोल करना शुरू कर दिया। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ निकाली गई इस रैली में सीपीआई के कई नेता मौजूद थे। इसी मंच पर 6-7 साल के एक मासूम ने पीएम मोदी के विरोध में 'नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद' के नारे लगाए, जिसपर मंच पर मौजूद कुछ नेताओं ने असहमति जताई लेकिन कन्हैया कुमार ने इस बच्चे को पास बुलाकर गले लगा लिया।
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केंद्र पर बोला जमकर हमला
इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। कन्हैया कुमार ने दिल्ली हिंसा को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि इस घटना के कारण उनको तीन दिनों से नींद नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि 'गांधी जिंदाबाद' कहने वालों को देशद्रोही कहा जा रहा है और 'गोडसे जिंदाबाद' कहने वालों को संसद पहुंचाया जा रहा है। कन्हैया ने कहा कि आजादी के बाद जो मुसलमान देश में रह गए उन्होंने जिन्ना के बजाय के गांधी को राष्ट्रपिता माना लेकिन इस सरकार ने गोडसे को चुनने का काम किया है।
कन्हैया सीएए के खिलाफ कर रहे हैं रैली
बता दें कि पिछले दिनों कन्हैया कुमार के काफिले पर हमले की कई घटनाएं सामने आई थीं। बिहार के जमुई में कन्हैया कुमार और उनके साथ चल रहे लोगों को निशाना बनाया गया था। कन्हैया के काफिले पर अंडे और टमाटर फेंके गए और उनके खिलाफ नारेबाजी भी हुई। इस दौरान देर तक हंगामे की स्थिति रही। बमुश्किल पुलिस ने स्थिति को संभाला था। सुपौल, कटिहार, मधेपुरा और सीवान में भी उनके काफिले पर हमले हो चुके हैं। कन्हैया कुमार ने 30 जनवरी को बेतिया से सीएए और एनआरसी के खिलाफ 'जन-गण-मन यात्रा' की शुरुआत की थी।