Kangana Ranaut को मिली Y श्रेणी की सुरक्षा में कुल कितने कमांडो तैनात रहेंगे? जानिए
नई दिल्ली- अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत के मामले में लगातार महाराष्ट्र सरकार और वहां की सत्ताधारी पार्टियों की निशाने पर रहीं अभिनेत्री कंगना रनौत को सोमवार को अचानक केंद्र सरकार की ओर से वीआईपी का दर्जा मिल गया। गृहमंत्रालय ने उनपर खतरे को देखते हुए उन्हें वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। आइए जानते हैं कि इस श्रेणी में कितने सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं और कंगना का रुतबा अपने बॉलीवुड के समकक्षों में अचानक कैसे बढ़ गया है। एक दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी उन्हें सिक्योरिटी दिए जाने के निर्देश दिए थे।
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11 कमांडो के घेरे में रहेंगी कंगना
भारत में वीआईपी सुरक्षा को मोटे तौर पर चार श्रेणियों में बांटा गया है। जेड प्लस (जेड प्लस या उच्चतम स्तर), जेड (जेड), वाई (वाई) और एक्स (एक्स)। इसी में जेड प्लस की तरह वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा भी जरूरतों के बारीक आंकलन के आधार पर केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से तय किया जा सकता है। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से जो सुरक्षा दी गई है, वह वाई प्लस श्रेणी की ही सुरक्षा है। वाई प्लस सुरक्षा मिलने का मतलब है कि कंगना अब हमेशा 10 से 11 हथियारबंद कमांडो के घेरे में रहेंगी। यह कमांडो दस्ता तीन शिफ्टों में हर वक्त उनकी सुरक्षा में तैनात रहेगा। इसके अलावा कंगना के साथ 24 घंटे दो या तीन पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (पीएसओ) की भी ड्यूटी रहेगी। यही नहीं उनके घर पर भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती रहेगी।
सीआरपीएफ के जिम्मे कंगना की सुरक्षा
गृहमंत्रालय ने कंगना की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ ) को सौंपा है। केंद्र सरकार ने यह आदेश उनकी 9 सितंबर की मुंबई यात्रा से पहले दिया है। गौरतलब है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से कंगना और महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टियां खाकर शिवसेना के नेता संजय राउत के बीच भयंकर जुबानी जंग छिड़ी हुई है और इस दौरान उन्हें बड़े नेताओं की ओर से धमकियां भी दी गई हैं। बता दें कि कंगना अभी हिमाचल प्रदेश के मनाली में अपने परिवार वालों के साथ अपने घर पर हैं। रविवार को उनके पिता ने हिमाचल प्रदेश सरकार से उनको मिल रही धमकियों के मद्देनजर सुरक्षा दिए जाने का लिखित अनुरोध किया था। इसपर हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य के डीजीपी को उन्हें पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देते हुए, इस बात पर भी चर्चा की थी कि प्रदेश के बाहर उन्हें किस तरह से सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए।
जेड प्लस कैटेगरी वालों की कैसी होती है सुरक्षा ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप यानी एसपीजी सुरक्षा कवर को छोड़ दें दो तो देश में वीआईपी को मिलने वाली सबसे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था जेड प्लस कैटेगरी में आती है। जेड प्लस कैटेगरी में प्रोटेक्टी को लगभग 55 सुरक्षाकर्मियों की सुरक्षा मिलती है, जिनमें 10 से ज्यादा नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के कमांडो मौजूद होते हैं। इनके अलावा पुलिस के बड़े अधिकारी भी प्रोटेक्टी की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात होते हैं। आमतौर पर प्रोटेक्टी का पहला सुरक्षा घेरा एनएसजी कमांडो के हाथों में होता है, दूसरे घेरे में बाकी के कमांडो की तैनाती होती है। जेड प्लस सुरक्षा में इन सबके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ जैसे अर्द्धसैनिक बलों की भी तैनाती रहती है। जेड प्लस प्रोटेक्टी को एस्कॉर्ट्स और पायलट वाहन की भी सुविधा मिलती है। इस वक्त मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को यही सुरक्षा मिली हुई है।
जेड श्रेणी की सुरक्षा में जेड प्लस से कितना अंतर?
जेड श्रेणी की सुरक्षा में 4 से 5 एनएसजी कमांडो शामिल रहते हैं। कुल मिलाकर जेड श्रेणी के प्रोटेक्टी को लगभग 22 सुरक्षाकर्मी घेरे रहते हैं, जिनमें आईटीबीपी, सीआरपीएफ, दिल्ली पुलिस और लोकल पुलिस के कमांडो भी शामिल होते हैं। दरअसल, गृहमंत्रालय एक नियमित अंतराल पर प्रोटेक्टी के जोखिम का आंकलन करता है और उसी मुताबिक सुरक्षा की श्रेणी में बदलाव किया जाता रहता है।
एक्स कैटेगरी की सुरक्षा में क्या होता है?
वीआईपी सुरक्षा की यह सबसे आखिरी श्रेणी है। एक्स कैटेगरी के प्रोटेक्टी की सुरक्षा में दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं और उनके अलावा एक पीएसओ भी मिलता है। हालांकि, इस सुरक्षा दस्ते में कोई कमांडो नहीं होता। देश में कई नेताओं को इस समय इसी केटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है।