'मुझे पीओके नहीं सीरिया कहना चाहिए था' बोलकर कंगना रनौत ने राहुल गांधी के लिए कही ये बातें
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत बीते कुछ समय से लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। उन्होंने मुंबई पुलिस, महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड इंडस्ट्री को लेकर भी कई विवादित बातें कहीं। जिसके बाद ना केवल उनकी इंडस्ट्री के लोगों से बल्कि महाराष्ट्र सरकार से भी जुबानी जंग हुई। कंगना के मुंबई स्थित ऑफिस में तोड़फोड़ से मामला और भी ज्यादा गर्मा गया। फिर जया बच्चन के संसद में दिए भाषण के बाद कंगना ने जो ट्वीट किया, उसके बाद उन्हें फिर कुछ अभिनेत्रियों ने खरी-खोटी सुना दी। इन सब विवादों के बीच कंगना ने एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी जिक्र किया है।
मुंबई को बताया था असुरक्षित
दरअसल कंगना ने मुंबई को असुरक्षित बताते हुए कह दिया था कि उन्हें 'मुंबई पीओके जैसी महसूस हो रही है'। कंगना के इस बयान की ना केवल महाराष्ट्र सरकार ने बल्कि बॉलीवुड के लोगों ने भी काफी निंदा की थी। जब कंगना से इंटरव्यू में उनके इस बायन को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने ऐसा कहने के पीछे की वजह बताई। साथ ही ये भी कहा कि उन्हें लिंच करने के लिए भीड़ इकट्ठा करने की कोशिश की गई। कंगना ने कहा कि उन्होंने मुंबई को पीओके कहा तो इतना विवाद खड़ा हो गया लेकिन राहुल गांधी ने जब सीरिया शब्द का इस्तेमाल किया था, तब उनका घर तो नहीं तोड़ा गया।
'राहुल गांधी ने सीरिया कहा था'
अपने इंटरव्यू में कंगना ने कहा, 'मुझे कहा गया कि वो मेरा मुंह तोड़ देंगे, मैं हरामखोर हूं और मैंने यही कहा कि ये मुंबई जैसी नहीं लग रही, पीओके जैसी लग रही है- तो उन्होंने इसका पूरी तरह से फायदा उठाया और मुझे लिंच करने के लिए भीड़ इकट्ठा करने की कोशिश की। मैंने कहा था पीओके, लेकिन मुझे सीरिया कहना चाहिए था। जब राहुल गांधी कहते हैं कि भारत सीरिया जैसा है, तो उन्हें तो किसी ने लिंच नहीं किया। किसी ने उनका घर नहीं तोड़ा। इन लोगों के साथ मसला क्या है?'
वाई कैटिगरी सुरक्षा पर क्या कहा?
जब कंगना ने मुंबई जाने से पहले सुरक्षा की मांग की थी तो उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। केंद्र सरकार की ओर से वाई कैटिगरी की सुरक्षा दी गई तो इसपर भी बहुत से लोगों ने सवाल उठाया था। इसपर कंगना ने कहा, 'जैसे भीड़ ने साधुओं की हत्या की, वैसे ही वो लोग मेरे आसपास भीड़ इकट्ठा करके मुझे मारने की कोशिश में थे। मैंने ये देखा भी। पूरा देश यह देख सकता था... मेरी बहन ने गृहमंत्री के कार्यालय से संपर्क किया और चिंता व्यक्त की कि ये लोग उसे मारने की कोशिश कर रहे हैं, पूरे राज्य को उसके खिलाफ कर रहे हैं, वो भी झूठ के आधार पर। फिर दो दिन बाद हमें गृहमंत्री के कार्यालय से फोन आता है और कहा जाता है, 'आप सावधान रहिए। आपको सच में खतरा है और आपको वाई प्लस सुरक्षा मिलेगी।'