कंगना रनौत संपत्ति तोड़फोड़ मामला: BMC अफसर और संजय राउत भी बने केस की पार्टी
मुंबई। एक्ट्रेस कंगना रनौत के पाली हिल्स स्थित कार्यालय पर हुई तोड़-फोड़ कार्रवाई मामले में 22 सितंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने शिवसेना नेता संजय राउत और तोड़फोड़ का ऑर्डर पास करने वाले अधिकारी को भी केस में पार्टी बनाया है। अब इस मामले की सुनवाई बुधवार को होगी। बता दें कि, कंगना रनौत द्वारा दायर संशोधित याचिका में बीएमसी से 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई है।
9 सिंतबर को अभिनेत्री कंगना रनौत के ऑफिस को बीएमसी ने अवैध बताते हुए तोड़ दिया था इस मामले में बांबे हाईकोर्ट में मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने तोड़फोड़ का आदेश देने वाले बीएमसी अधिकारी और शिवसेना नेता संजय राउत को इस केस में बतौर पार्टी शामिल होने का आदेश दिया है। कंगना रनौत ने इस केस में अपनी याचिका में संजय राउत और बीएमसी वार्ड ऑफिसर को प्रतिवादी बनाने की मांग की थी।
कंगना ने अपनी याचिका में संशोधन करके बीएमसी से 2 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है। वहीं बीएमसी ने अपने जवाब में दावा किया है कि कंगना की याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इसीलिए अभिनेत्री की याचिका खारिज करके उन पर जुर्माना लगाना चाहिए। वहीं कंगना रनौत ने बंबई हाईकोर्ट में बीएमसी के हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है। जवाब में कंगना की ओर से कहा गया है कि उनके दफ्तर पर की गई बीएमसी की कार्रवाई पक्षपातपूर्ण थी। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया है कि जब कार्रवाई हुई, उस दौरान उनके दफ्तर में कोई निर्माण कार्य चल रहा था।
आपको बता दें कि बीएमसी ने नौ सितंबर को अवैध निर्माण का हवाला देते हुए कंगना रनौत के दफ्तर के कुछ हिस्सा को तोड़ दिया था। हाईकोर्ट में कंगना की ओर से बीएमसी की कार्रवाई रोकने के लिए याचिका दायर की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने कार्रवाई पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। लेकिन तब तक कंगना के दफ्तर में तोड़-फोड़ हो चुकी थी। कंगना का दावा है कि जब तक कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाई, तब तक बीएमसी ने उनके ऑफिस के 40 फीसदी हिस्से को ध्वस्त कर दिया था। इसमें कई कीमती सामान भी शामिल है। इसलिए कंगना ने अपनी याचिका में संशोधन कर बीएमसी से 2 करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी।
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