BMC मामले में कंगना रनौत ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर कर की ये अपील
नई दिल्ली। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने बीएमसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक कैविएट दायर की है। कंगना ने इस कैविएट में कंगना रनौत ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि बीएमसी मामले में बिना उनका पक्ष सुने कोई फैसला नहीं सुनाया जाए। बता दें कि इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी मामले में कंगना रनौत को राहत देते हुए बीएमसी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कंगना रनौत के दफ्तर में की गई तोड़फोड़ को दुर्भावनापूर्ण करार दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने ऑफिस में हुए नुकसान का आंकलन भी करने के लिए कहा था। तमाम अधिकारियों को रिपोर्ट पेश करने के लिए मार्च तक का समय दिया गया है।

2 करोड़ का मुआवजा मांगा था
कंगना रनौत के वकील द्वारा कोर्ट में दावा किया गया है कि 40 फीसदी दफ्तर को बीएमसी ने नुकसान पहुंचाया है। जिसके बाद कंगना ने 15 सितंबर को अपनी संशोधित याचिका के जरिए बीएमसी से तोड़फोड़ का मुआवजा मांगा था। कंगना की ओर से दो करोड़ रुपए की मांग की गई है। बता दें कि बीएमसी ने कंगना के दफ्तर को अवैध निर्माण बताते हुए यहां तोड़फोड़ की थी, जिसके बाद यह पूरा मामला सुर्खियों में आया था।
लोगों का शुक्रिया अदा किया था
बीएमसी मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद कंगना रनौत ने कहा था कि जब कोई सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और इस लड़ाई को जीतता है तो ये जीत उस इंसान की नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र की होती है। उन सभी का शुक्रिया जिन्होंने मुझे हौसला दिया। उन लोगों का भी शुक्रिया जो मेरे टूटे सपनों पर हंसे थे और मेरा मजाक उड़ाया था। आप विलन बन गए और आपके विलन हो जाने की वजह से ही मैं हीरो बन सकी।
9 सितंबर को हुई थी तोड़फोड़
बता दें कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने 9 सितंबर को कंगना के पाली हिल स्थित बंगले में बने ऑफिस के कई हिस्सों को अवैध बताते हुए तोड़ दिया था। कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस एसजे कैथावाला और आरआई छागला की बेंच ने फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि बीएमएसी ने खराब नीयत से यह कदम उठाया था और कंगना का दफ्तर गलत इरादे से तबाह किया गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह नागरिकों के आधिकार के भी विरुद्ध था।
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