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तो क्‍या बरेली में था कमलेश तिवारी की हत्‍या का प्‍लान? खास मैसेज के लिए चुना गया लखनऊ और शुक्रवार का दिन

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नई दिल्‍ली। हिंदू समाज पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष कमलेश तिवारी की हत्‍या के दोनों आरोपियों शेख अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन खुर्शीद पठान को गुजरात एटीएस ने मंगलवार को राजस्‍थान-गुजरात सीमा के पास से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों से पूछताछ के बाद नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हत्‍यारों ने मॉडस अपरेंडी बता दिया है और पुलिस धीमे-धीमे हर कनेक्‍शन को खंगाल रही है। सूत्रों से प्राप्‍त जानकारी के मुताबिक कमलेश तिवारी की हत्‍या बरेली में की जानी थी। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है लेकिन साजिशकर्ताओं-हत्‍यारों के बरेली कनेक्‍शन और हत्‍या होने से 10 दिन पहले कमलेश तिवारी का बरेली होना इसी तरफ इशारा कर रहा है। कमलेश तिवारी 6 और 7 अक्‍टूबर को पार्टी के विस्‍तार के सिलसिले में बरली आए थे। हत्‍यारे उस वक्‍त अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पाए तो उन्‍होंने 10 दिन बाद 18 अक्‍टूबर को लखनऊ में उनके घर जाकर उनकी हत्‍या का दी।

हत्‍या कर एक संदेश देना चाहते थे हत्‍यारे, इसलिए चुना शुक्रवार का दिन

हत्‍या कर एक संदेश देना चाहते थे हत्‍यारे, इसलिए चुना शुक्रवार का दिन

कमलेश तिवारी के परिवार वालों के मुताबिक 6 अक्‍टूबर को कमलेश बरेली गए थे। वहां अगस्‍त्‍य मुनि आश्रम में पार्टी के नेता केके शंखधर समेत कई पदाधिकारियों से उनकी मुलाकात हुई। वो यूपी चुनाव से पहले अपनी पार्टी का विस्‍तार करना चाहते थे। उनके आने की सूचना हिंदू संगठनों को दी गई थी। सात अक्‍टूबर को कमलेश तिवारी मुरादाबाद में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकल गए थे। आईएसआईएस समेत कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे कमलेश के पास कोई खास सुरक्षा नहीं थी। सूत्रों की मानें तो बरेली में कमलेश पर हमला होना था लेकिन वो इस हत्‍याकांड के जरिए एक संदेश देना चाहते थे। यही वजह थी कि हत्‍या के लिए लखनऊ में उनका खुद का घर और शुक्रवार का दिन चुना गया। आपको बता दें कि हत्‍या के बाद अशफाक और मोइनुद्दीन खालासा इन होटल में खून से सने कपड़े और बैग छोड़कर फरार हो गए थे।

वारदात को अंजाम देने के बाद फौरन बरेली निकल गए थे हत्‍यारे

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जानकारी के मुताबिक कमलेश तिवारी के बरेली दौरे के बीच शहर में मौजूद साजिशकर्ताओं के मददगारों ने उनकी रेकी की थी। हत्‍यारों के बरेली कनेक्‍शन का पता इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हत्या के दौरान कमलेश से हुई हाथापाई में घायल हुए हत्यारे पहले बरेली भागे और वहां अपना इलाज कराया। बरेली के बाद वो शाहजहांपुर चले गए।

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हत्‍यारों ने सूरत को बना रखा था कमांड सेंटर

हत्‍यारों ने सूरत को बना रखा था कमांड सेंटर

कमलेश तिवारी के हत्‍यारे अशफाक और मोइनुद्दीन ने सूरत को अपना 'कमांड सेंटर' बना रखा था। सूरत से ही दोनों को फरमान भेजे जा रहे थे। इन्‍हीं निर्देशों का पालन कर दोनों पुलिस और एटीएस को चकमा देते रहे। हत्‍यारे जब हत्‍या के बाद बरेली होते हुए लखीमपुर खीरी के पलिया कला कस्‍बा पहुंचे थे तो उन्‍हें वहां से निकालने के लिए सूरत से ही इनोवा बुक कराई गई थी। पलिया से शाहजहांपुर ले जाने वाली इनोवा के ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि अशफाक और मोइनुद्दीन ने बात करने के लिए दो बार उसका मोबाइल फोन मांगा था। दोनों ने अपनी बैट्री खत्‍म होने की बात कही थी। जब वो शाहजहांपुर रेलवे स्‍टेशन पहुंचे तो उन्‍हें दिल्‍ली जाने वाली ट्रेनों के बारे में भी जानकारी लगातार फोन पर सूरत से ही दी जा रही थी।

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English summary
Five days after Hindu Samaj Party leader Kamlesh Tiwari was killed in Lucknow, a strong link of the murder case to Bareilly and Black Friday.
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