कमलेश तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उठे दो बड़े सवाल, हत्या को लेकर सामने आई नई बात
कमलेश तिवारी की ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें हत्याकांड को लेकर कुछ बड़े खुलासे हुए हैं।
नई दिल्ली। हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में गुजरात एटीएस ने मंगलवार देर रात दोनों मुख्य आरोपियों अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन पठान को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर के पास से गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी यहां से पाकिस्तान भागने की फिराक में थे। कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से ही यूपी और गुजरात की पुलिस इन दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी थी। दोनों आरोपी पुलिस को चकमा देने के लिए लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे, लेकिन आखिरकार पुलिस के शिकंजे में फंस गए। इस बीच कमलेश तिवारी की ऑटोप्सी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें हत्याकांड को लेकर कुछ बड़े खुलासे हुए हैं।
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एक ही जगह पर चाकू के सात घाव मिले
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक, कमलेश तिवारी की ऑटोप्सी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनके ऊपर 15 बार चाकू से हमला किया गया था। इसके बाद उन्हें गोली मारी गई थी। कमलेश तिवारी की ऑटोप्सी करने वाले लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया है कि उनके सीने के बाईं और एक ही जगह पर चाकू के सात घाव मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चाकुओं से हमले के कारण कमलेश तिवारी के सीने में करीब 3 से 4 सेमी गहरा घाव बन गया। इसके अलावा उनके शरीर पर दो जगह चाकू से रेते जाने के घाव भी मिले हैं, जिनमें से एक घाव उनकी गर्दन पर मिला।
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'पत्नी और गनर ने कैसे नहीं सुनी गोली चलने की आवाज'
ऑटोप्सी रिपोर्ट के मुताबिक, कमलेश तिवारी के ऊपर चाकुओं से हमले के बाद एक गोली भी चलाई गई थी। कमलेश के चेहरे पर गोली लगने का एक निशान मिला है। हालांकि पुलिस इस बात को लेकर हैरान है कि गोली चलने की आवाज कमलेश तिवारी की पत्नी और उनके गनर ने कैसे नहीं सुनी। जबकि, ये दोनों उस वक्त घर में ग्राउंड फ्लोर पर ही मौजूद थे। पुलिस का कहना है कि वो अभी इस बात को लेकर भी पुख्ता नहीं है कि बंदूक मिठाई के डब्बे के अंदर छुपाकर लाई गई थी या कहीं और छिपाकर रखी गई थी। यह एक अवैध हथियार है, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि वो बंदूक कमलेश तिवारी के घर पर कैसे और किन परिस्थितियों में पहुंची।
आरोपियों को कहां से मिले हथियार
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केस में इस महत्वपूर्ण हिस्से की अलग से जांच की जा रही है कि क्या पठान और अशफाक हथियार लेकर कमलेश तिवारी के पास आए थे या वो हथियार उन लोगों को वहीं मिले थे। आपको बता दें कि बीते 18 अक्टूबर को कमलेश तिवारी के घर पर उनकी हत्या कर दी गई थी। हत्यारे मिठाई देने के बहाने कमलेश तिवारी के घर आए और उनकी हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस ने सूरत और नागपुर से मिले इनपुट के आधार पर दोनों मुख्य आरोपियों अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन पठान को गुजरात-राजस्थान बॉर्डर के पास से गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को फिलहाल लखनऊ लाया जा रहा है।
एक फोन कॉल से मिला आरोपियों का सुराग
गौरतलब है कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद से ही यूपी और गुजरात पुलिस इन दोनों आरोपियों की तलाश में जुटी थी। कमलेश तिवारी की हत्या का गुजरात कनेक्शन सामने आने के बाद यूपी पुलिस ने वहां की पुलिस से संपर्क साधा था। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी ने होटल, लॉज, मदरसों और कई स्थानों पर छापेमारी की लेकिन वे बच निकलने में कामयाब रहे। इस बीच पुलिस ने इनपर ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित कर दिया और इनके पोस्टर भी जारी किए। मंगलवार को एक हत्यारोपी ने सूरत स्थित अपने घर पर एक कॉल किया और कुछ पैसों का इंतजाम करने के लिए कहा। यही कॉल एटीएस के काम आ गई और दोनों आरोपियों को एटीएस ने राजस्थान बॉर्डर से दबोच लिया।
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