कमलनाथ के मंत्री ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र, दिग्विजय सिंह पर सरकार को अस्थिर करने का लगाया आरोप
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश कांग्रेस के भीतर आंतरिक कलह की खबरें सामने आने लगी हैं। प्रदेश के मंत्री उमंग सिंघर ने दिग्विजय सिंह पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उमंग सिंघर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है, जिसमे उन्होंने दिग्विजय सिंह पर यह गंभीर आरोप लगाया है। बता दें कि उमंग सिंघर की चाची दिग्विजय सिंह सरकार में उप मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
15
साल
बाद
सत्ता
में
वापसी
मध्य
प्रदेश
में
कांग्रेस
15
वर्षों
के
बाद
सत्ता
में
वापस
आई
है,
बावजूद
इसके
पार्टी
के
भीतर
कलह
खत्म
होने
का
नाम
नहीं
ले
रही
है।
सिंघर
ने
पत्र
में
लिखा
है
कि
मुझे
यह
जानकारी
देते
हुए
पीड़ा
हो
रही
है
कि
दिग्विजय
सिंह
प्रदेश
में
खुद
को
स्थापित
करने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
वह
कमलनाथ
सरकार
को
अस्थिर
करके
खुद
को
मजबूत
कर
रहे
हैं।
वह
मंत्रियों
को
पत्र
लिख
रहे
हैं
और
उसे
सोशल
मीडिया
पर
रिलीज
कर
रहे
हैं,
जिसकी
वजह
से
विपक्ष
को
कमलनाथ
सरकार
पर
हमला
बोलने
की
वजह
मिल
रही
है।
दिग्विजय
सिंह
ने
लिखा
था
पत्र
दरअसल
दिग्विजय
सिंह
ने
हाल
ही
में
तमाम
मंत्रियों
को
एक
पत्र
लिखा
था
और
इस
बात
की
जानकारी
मांगी
थी
कि
जनवरी
और
अगस्त
माह
के
बीच
उन्होंने
कई
काम
और
ट्रांसफर
की
अपील
की
थी,
उसकी
स्थिति
से
अवगत
कराया
जाए।
इसी
पत्र
का
हवाला
देते
हुए
सिंघरा
ने
दिग्विजय
सिंह
को
निशाने
पर
लिया
है।
उन्होंने
आरोप
लगाया
है
कि
वरिष्ठ
कांग्रेस
नेता
सरकार
की
छवि
को
खराब
कर
रहे
हैं,
उन्हें
इस
तरह
के
पत्र
लिखने
की
कोई
जरूरत
नहीं
है,
वह
सीधे
तौर
पर
बिना
किसी
परेशान
के
मंत्रियों
से
बात
कर
सकते
हैं।
बेटे
पर
भी
साधा
निशाना
सिंघरा
ने
पत्र
में
लिखा
है
कि
मंत्री
मुख्यमंत्री
के
प्रति
जवाबदेय
होते
हैं।
दिग्विजय
सिंह
राज्यसभा
सदस्य
हैं।
वह
मंत्रियों
को
पत्र
लिखकर
ट्रांसफर
और
पोस्टिंग
की
जानकारी
मांग
रहे
हैं,
जोकि
सही
नहीं
है।
इसकी
वजह
से
अन्य
सांसद
भी
इस
तरह
के
पत्र
लिखेंगे।
अगर
यह
परंपरा
शुरू
हो
जाएगी
तो
आखिर
मंत्री
अपना
काम
कैसे
करेंगे
और
जनहित
की
योजनाओं
को
कैसे
लागू
किया
जाएगा।
इसके
अलावा
सिंघर
ने
यह
भी
आरोप
लगाया
है
कि
दिग्विजय
सिंह
के
बेटे
जयवर्धन
सिंह
जोकि
शहरी
विकास
मंत्री
हैं,
उन्होंने
विधानसभा
में
जवाब
देते
हुए
कहा
कि
सिंघस्थ
कुंभ
में
कोई
घोटाला
नहीं
हुआ,
जबकि
विपक्ष
में
रहते
हुए
हमने
इसे
सबसे
बड़ा
घोटाला
बताते
हुए
इसे
चुनावी
मुद्दा
बनाया
था।
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