#KamalaMillsFire: मुंबई आग हादसे की पांच कहानियां, जो आपको रूला देंगी
#KamalaMillsFire: मुंबई आग हादसे की पांच कहानियां, जो आपको रूला देंगी
मुंबई। गुरुवार रात में मुंबई के लोअर परेल स्थित कमला मिल्स कम्पाउंड के 3 रेस्टोरेंट्स में लगी भयावह आग में 14 लोगों के मौत हो गई है, जबकि 15 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस मामले में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को स्थिति का जायजा लेकर जांच की बात कही तो वहीं संसद में भी ये मामला उठा। देर रात जब ये आग लगी तो यहां काफी लोग थे, कुछ लोग बर्थडे मनाने आए थे तो कुछ क्रिसमस की पार्टी कर रहे थे। इस हादसे में कई ऐसी कहानियां जो आपकी आंखों में आंसू ले आएंगी।
28 साल की खुशबू का जन्मदिन बना मौत का दिन
कमला हिल्स कंपाउंड के लंदन टैक्सी बार में शुक्रवार को 28 साल की खुशबू मेहता अपना 29वां जन्मदिन सेलिब्रेट करने आई थी। इस हादसे में खुशबू और उसका जन्मदिन मनाने आए दोस्तों ने अपनी जान गंवा दी। आग लगने के वक्त खुशबू मेहता और उसके दोस्त उस समय उसका जन्मदिन मना रहे थे। हादसे के वक्त खुशबू दोस्तों के साथ रेस्टोरेंट पब की छत पर नाचने में व्यस्त थी। तभी अचनाक आग लग गई। जब तक वे कुछ समझ पाते तब तक आग चारों ओर फैल चुकी थी। आग से बचने के लिए ये सभी युवा बाथरूम में घुस गए और नलों का पानी खोल दिया। लेकिन बाथरूम के अंदर दम घुटने की वजह से खुशबू और उसके दोस्तों की मौत हो गई। मरने वालों में अधिकतर महिलाएं हैं। जो 20 साल से तीस साल के बीच की थीं।
बाथरूम में पड़ी महिलाओं की लाशों को रौंद रहे थे बदहवाश लोग
हादसे में घायल एक महिला के मुताबिक कल मोजोस लॉउंज में 'ऑल वुमन लास्ट नाइट' थीम पर पार्टी थी, इसलिए पब में महिलाओं की संख्या बहुत ज्यादा थी। पार्टी चल रही थे कि तभी अचानक से आग लगने का शोर सुनाई पड़ा, घबराकर काफी महिलाओं ने अपने आप को पुरुषों के बाथरूम में बंद कर लिया लेकिन आग का धुंआ बाथरूम के अंदर पहुंच गया और महिलाओं की दम घुटने से मौत हो गई। हादसे की शिकार महिला ने कहा कि आग लगने से अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया था, लोग खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे, लोग मुझे रौंदते हुए निकल रहे थे। पुलिस ने भी कहा है कि ज्यादातर महिलाओं के शव बाथरूम से ही बरामद हुए हैं।
आग तेज थी निकलने का रास्ता तंग, सब एक-दूसरे पर गिरे जा रहे थे
आग से बचकर निकले सिद्धार्थ श्रॉफ ने बताया कि वो हादसे की जगह मौजूद थे। वो बताते हैं, 'जिस वक्त रेस्तरां में आग लगी वहां 150 लोग मौजूद थे, 12:30 जब लोगों ने देखा कि आग लग गई है तो भगदड़ मच गई। बाहर निकलने का जो रास्ता था, वो काफी छोटा था। ऐसे में सब एक-दूसरे पर गिरने लगे। इसी बदहवाशी में ही किसी तरह मैं भी वहां से निकला, नहीं मालूम की इसी बदहवासी में किसने मुझे अस्पताल तक पहुंचाया। इस सब में मैं भी 20 फीसदी से ज्यादा जल गया।
अमेरिका से छुट्टी मनाने आए दो भाई बुआ को ढूंढ़ते हुए जले
अमेरिका से भारत आए दो भाई अपनी बुआ के साथ क्रिसमस मनाने आए थे, लेकिन मुंबई में लगी भीषण आग की चपेट में आकर दोनों भाइयों की मौत हो गई। छुट्टी एन्जॉय करने के लिए विश्वा ललानी अपने भाई धैर्य ललानी और बुआ प्रमिला केनिया के साथ पार्टी करने के लिए होटल मोजो में गए थे। इस घटना में तीनों की दर्दनाक मौत हो गई है। होटल में आग लगने की बात समझते ही विश्वा ललानी और धैर्य ललानी होटल के बाहर आए थे लेकिन अपने साथ बुआ प्रमिला केनिया को ना पाकर परेशान हो गए और ऐसा अंदेशा मिलते ही दोनों भाई फिर से होटल के अंदर गए और आग की चपेट में आ गए।
जान पर खेल लोगों को बचा रहे थे महेश
हादसे वाली जगह पर राहतकर्मियों के पहुंचने से पहले एक ऐसा शख़्स ऐसा भी रहा, जिसने करीब 100 लोगों की जान बचाई, ये हैं महेश साब्ले। महेश कमला मिल्स कम्पाउंड में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। जब आग लगी, तब महेश ने तेजी से लोगों को इमारत से बाहर निकालना शुरू किया, जिससे करीब सौ लोगों की जान बची। महेश साब्ले हादसे के वक्त इमारत के ऊपरी मंजिलों की तरफ थे। महेश ने आग लगते ही वहां से भागने की बजाय लोगों को ऊपर से नीचे की तरफ भेजना शुरू किया. इस काम में महेश का साथ उनके दो साथियों सूरज गिरी और संतोष ने भी दिया. महेश ने अपने इन दोनों साथियों को जल्दी से अलर्ट किया. महेश ऊपर से जिन लोगों को नीचे भेज रहे थे, संतोष और सूरज उन्हें नीचे से सुरक्षित बाहर तक पहुंचा रहे थे।
#KamalaMillsFire: हेमा मालिनी ने बढ़ती आबादी को बताया हादसे का जिम्मेदार