कमलनाथ के भांजे के अलावा और भी बहुत कुछ है रतुल पुरी के बारे में जानने के लिए
नई दिल्ली- लगता है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी अमेरिका के बेहद सफल बिजनेसमैन वारेन बफेट से काफी प्रभावित रहे हैं। वे खुद को भी वारेन बफेट की तरह ही बेहद उत्साही बिजनेसमैन बताते हैं और उन्होंने अपनी वेबसाइट पर खुद के बारे में बताने से पहले वारेन बफेट का ही एक कोट इस्तेमाल किया है। बफेट की लाइन है- 'आप जो कर रहे होते हैं उसके बारे में नहीं जानने में जोखिम होता है।' आज रतुल जिस 354 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी में फंसे हैं, पता नहीं उससे जुड़े जोखिमों के बारे में उन्हें वक्त पर सोचा या नहीं, लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ है उनके प्रोफेशनल लाइफ के बारे में जानने के लिए।
पारिवारिक बिजनेस बैकग्राउंड
70 के दशक में जन्में रतुल पुरी दीपक पुरी और नीता पुरी के बेटे हैं। नीता पुरी मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ की बहन हैं। रतुल खुद के बारे में बताते हैं कि वे आज कारोबार के जिस क्षेत्र में है उसकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा उनके पिता या कमलनाथ के बहनोई दीपक पुरी ने ही दी हुई है। रतुल के मुताबिक उनके पिता ने उन्हें किसी भी चीज को बड़े कैनवास पर देखने, उसी के मुताबिक योजनाएं तैयार करने और उसी आधार पर विस्तार से रणनीति बनाने की सीख करियर के आरंभ में ही दे दी थी। उनके मुताबिक उनके पिता ऐसा करके उन्हें जागरूक और जोखिम लेने के लिए तैयार करना चाहते थे। यानि जोखिम लेने की सीख उन्हें वारेन बफेट से पहले अपने पिता से ही मिली थी।
रतुल पुरी की शिक्षा
उन्होंने अमेरिका के नामी कार्नेगी मेलोन यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स और कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई पूरी की है। उनके मुताबिक शिक्षा के इसी बैकग्राउंड के चलते उन्हें भारत में ऊर्जा क्षेत्र की अगुवा एकीकृत बिजली उत्पादन कंपनी हिंदूस्तान पावर को विकसित करने में मदद मिली। वे मानते हैं कि आज इसी कंपनी के कारण अंतरराष्ट्रीय बिजनेस में उन्होंने अपनी पहचान बना रखी है।
क्लीन और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में योगदान
वैसे कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत में क्लीन और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में रतुल पुरी के योगदान को सराहनीय बताया जा सकता है। खुद रतुल के मुताबिक जब उन लोगों ने 2008 में भारत में हिंदुस्तान पावर्स की अवधारणा विकसित की, तब देश में ऊर्जा क्षेत्र का हाल बहुत बुरा था। वे गर्व से दावा करते हैं कि आज देश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जो विकास हो रहा है, उसमें वे अपना एक अहम योगदान मानते हैं। वे चाहते हैं कि आगे भी वो देश के क्लीन और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में इसी तरह काम करते रहें, ताकि यह सेक्टर बिजनेस के क्षेत्र में भी मजबूत हो और पर्यावरण का भी संरक्षण हो। उनका ये भी कहना है कि भारत में बड़े पैमाने पर सोलर प्लांट विकसित करने में उनका बहुत बड़ा रोल है।
बिजनेस के क्षेत्र में नाम
उनकी वेबसाइट की जानकारी के मुताबिक सोलर एनर्जी सेक्टर में योगदान के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने उन्हें एक बार यंग ग्लोबल लीडर का सम्मान दिया था। 2014 में उन्हें वर्ल्ड ब्रांड कांग्रेस ने सीईओ ऑफ द ईयर और 2015 में एशियन पावर अवार्ड्स से नवाजा गया। उनका नाम देश के उन युवा नेताओं में भी शामिल किया गया जो 21वीं सदी में भारत के भविष्य को गढ़ सकता है। उन्हें उद्योग से जुड़े बड़े संगठनों और कुछ मीडिया कंपनियों ने भारत के पावर सेक्टर की आवाज की तरह भी पेश किया था।
किस मामले में गिरफ्तारी
मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने मोजरबेयर इंडिया लिमिटेड के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर 354 करोड़ रुपये के बैंक फर्जीवाड़े के केस में गिरफ्तार किया है। ईडी ने यह गिरफ्तारी तीन दिन पहले इस केस में सीबीआई की ओर से दर्ज मामले के आधार पर की है। बैंक की शिकायत के मुताबिक उनकी कंपनी 2009 से विभिन्न बैंकों से कर्ज ले रही थी और कई बार पुनर्भुगतान की शर्तों में बदलाव करा चुकी थी। शिकायत ये भी है कि बैंक ने जो भी फंड जारी किए थे उसका कंपनी के डायरेक्टरों ने निजी इस्तेमाल किया और कर्ज चुकाने में असमर्थ रहे तो उसे छिपाने के लिए फर्जीवाड़ा किया। हालांकि, रतुल ने इस कंपनी में अपने पद से 2012 में ही इस्तीफा दे दिया था, लेकिन उनके पिता कंपनी के एमडी दीपक पुरी और मां नीता पुरी कंपनी की डायरेक्टर बनी रहीं। इन सबके खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के मामलों में केस दर्ज किया गया है।
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में भी जांच
रतुल पुरी के खिलाफ 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चौपर घोटाले में भी मनी लॉन्डिंग की जांच चल रही है। शनिवार को दिल्ली कोर्ट के सामने रतुल के वकील ने जमानत याचिका देकर कहा था कि इस मामले की जांच में वे सहयोग देने के लिए तैयार हैं। जबकि, जांच एजेंसी का आरोप था कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, इसलिए उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट रद्द नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने पुरी की अर्जी पर आदेश 21 अगस्त यानि बुधवार तक के लिए सुरक्षित रखा था। लेकिन, उससे पहले ही बैंक धोखाधड़ी केस में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।