ज्योतिरादित्य सिंधिया के 'सड़क पर उतरने' वाले बयान पर बोले सीएम कमलनाथ- तो उतर जाएं
भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह सामने आई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सड़क पर उतरने की बात कही थी। टीकमगढ़ जिले में कुडीला गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर मध्यप्रदेश सरकार घोषणापत्र में किए वादे को पूरा नहीं करती तो वह सड़क पर उतरेंगे। वहीं, अब इसपर राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रतिक्रिया भी आई है।
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सीएम कमलनाथ दी प्रतिक्रिया
सीएम कमलनाथ से जब पत्रकारों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सड़क पर उतरने वाले बयान का हवाला देते हुए सवाल किया तो, कमलनाथ बोले- तो उतर जाएं। इसके पहले, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि असंभव है कि कांग्रेस पार्टी कोई वादा करे और उसे पूरा न करे। अगर कांग्रेस ने कुछ वादा किया है, तो उसे पूरा करना बहुत जरूरी है। सिंधिया ने कहा था, 'उस दौरान भी मैंने आपकी आवाज उठाई थी और आज भी आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि अगर मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार घोषणा पत्र में अंकित बातों को पूरा नहीं करती तो आपके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सड़क पर उतरेगा।'
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वादे पूरे नहीं हुए तो सड़क पर उतरेंगे- सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था, 'सरकार अभी बनी है, थोड़ा सब्र रखने की जरूरत हैं। हमारी बारी भी आएगी और अगर ना आए तो चिंता मत करना, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा। इसके पहले भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन पर निराशा जताई थी। सिंधिया ने कहा था कि दिल्ली चुनाव के नतीजे हमारे लिए बेहद निराशाजनक हैं। हमारी पार्टी को नई विचारधारा और नई कार्यशैली की सख्त जरूरत है। देश बदल चुका है, लिहाजा हमे भी बदलने की जरूरत है और नए रास्तों और विकल्पों पर विचार करना चाहिए ताकि देश के लोगों से हम संपर्क स्थापित कर सके।
कमलनाथ के मंत्री दी थी कर्जमाफी पर सफाई
प्रदेश के सहकारिता, संसदीय कार्य और सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह ने किसान ऋण माफ नहीं करने पर सफाई दी थी। गोविंद सिंह ने एक जनसभा में कहा था, राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार बनाने के बाद हम 10 दिनों में 2 लाख रुपये तक के किसान ऋण माफ करेंगे, लेकिन हम नहीं कर सके। विपक्ष का कहना है कि हमने आपके साथ विश्वासघात किया है। मैं कहना चाहता हूं कि स्थिति कठिन है इसलिए ऋण माफ करने में देरी हो रही है।'