कमलनाथ ने फिर मांगे सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत, आर्मी-एयरफोर्स को लेकर कही ये बात
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिर एक बार सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे हैं। अपने पूरान बयान पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर ना तो कोई आंकड़े हैं और ना ही कोई फोटो हैं केवल मीडिया में ही इसका शोर है। कमलनाथ ने इससे पहले अपने एक बयान में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 90 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण कराया था। इसे लेकर कोई नहीं बोलता। ये कहते हैं कि मैंने सर्जिकल स्ट्राइक की। कौनसी सर्जिकल स्ट्राइक की? कैसे सर्जिकल स्ट्राइक की? देश को कुछ तो बताइए इस बारे में।
कमलनाथ ने कहा- कौन सी सर्जिकल स्ट्राइक?
कमलनाथ ने कहा, ''कहते हैं कि हमने सर्जिकल स्ट्राइक की। कौन सी सर्जिकल स्ट्राइक? ना कोई आंकड़े हैं, ना फोटो हैं केवल मीडिया में इसका शोर है... हमारी आर्मी, एयफोर्स कोई फेक काम नहीं करती, लेकिन जानकारी तो दे।'' कमलनाथ ने कहा कि ये राष्ट्रवाद की बात करते हैं, इनकी पार्टी में से कोई ऐसा है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में भाग लिया हो। वहीं, देश में बेरोजगारी का जिक्र करते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी रोजगार और किसानों के कल्याण के संबंध में बात नहीं करते। मैं आपसे पूछता हूं कि आपने सुना क्या कि मोदीजी ने पिछले छह माह में युवाओं के संबंध में बात की हो। किसान कल्याण की बात की हो।''
'मुंह चलाने और देश चलाने में अंतर होता है'
इससे पहले सागर जिले में आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में कमलनाथ ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा, ''मुंह चलाने और देश चलाने में बहुत अंतर होता है। मोदीजी ध्यान मोड़ने के लिए कभी राष्ट्रवाद की बात करेंगे, कभी पाकिस्तान की बात करेंगे, लेकिन नौजवानों और किसानों की बात नहीं करेंगे। मुंह चलाने में और देश चलाने में बहुत अंतर होता है।''
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरह कमलनाथ भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की जुबान बोल रहे हैं। विजयवर्गीय ने कहा, ''मुझे समझ नहीं आता कि अब तक राहुलजी इमरान भाई की भाषा बोल रहे थे और अब कमलनाथजी भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की भाषा बोल रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारे जांबाज सैनिकों के शौर्य पर सवाल उठाना ठीक बात नहीं। मैं कमलनाथजी के बयान की निंदा करता हूं।''
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