कमलेश तिवारी हत्याकांड: आरोपियों ने बताई साजिश की पूरी कहानी, हत्या को अंजाम देने के लिए 4 साल में हुई 50 से ज्यादा मीटिंग
नई दिल्ली। हिंदु समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपियों को राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया है। गुजरात एटीएस ने अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन पठान को राजस्थान बॉर्डर के पास से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल किया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयान की वजह से कमलेश तिवारी की हत्या की थी। इस दौरान उन्होंने पूरी साजिश की कहानी बयां की।
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4 साल से रची जा रही थी साजिश
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या के लिए 4 सालों से प्लानिंग की जा रही थी। इसके लिए 50 से अधिक मीटिंग हो चुकी थी। इसकी पूरी साजिश सूरत में रची गई और लखनऊ में इस वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस का दावा है कि कमलेश तिवारी से बदला लेने के लिए उन्होंने हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
पैगंबर को लेकर विवादित बयान देने के कारण की हत्या
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कमलेश तिवारी की हत्या की साजिश 4 साल से रची जा रही थी, सूरत के ग्रीन व्यू अपार्टमेंट में हत्या की पूरी साजिश रची गई। ग्रीन व्यू के 108 नंबर फ्लैट में मोइनुद्दीन पठान रहता था, जबकि अशफाक भी सूरत का ही रहने वालाा है। बता दें कि हत्या की साजिश में शामिल फैजान, रशीद और मोहसिन को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। कंप्यूटर की जानकारी रखने वाला रशीद 10वीं की पढ़ाई के बाद दुबई चला गया था। उसने ही 2015 में कमलेश तिवारी के विवादित बयानों पर नाराजगी जताई थी और हत्या की साजिश रचनी शुरू कर दी थी।
सूरत में रची गई साजिश
पूछताछ में एक और खुलासा हुआ कि इन डेढ़ सालों में इन लोगों ने आपस में बात करने के लिए कभी अपने फोन का इस्तेमाल नहीं किया। ये लोग हमेशा किसी दूसरे का फोन मांगकर उसमें नया सिम डालकर बात करते थे, इसके बाद सिम को तोड़कर फेक देते थे। कभी सड़क चलते किसी का फोन लेकर बात कर लेते थे। पुलिस को शक है कि इसी तरह से आरोपियों ने सैकड़ों सिम कार्ड का इस्तेमाल किया और बात करने के बाद उसे तोड़कर फेंक दिया।
50 से ज्यादा हुई मीटिंग्स
बताया जा रहा है कि रशीद दो महीने पहले दुबई से लौटा और उसने अशफाक, मोइनुद्दीन, फैजान, मोहसिन के साथ मिलकर कमलेश तिवारी की हत्या की योजना बनाई। इस वारदात को अंजाम देने के लिए पांचों आरोपियों ने 50 से अधिक मीटिंग्स की। रशीद के उकसाने पर ही मोइनुद्दीन और अशफाक लखनऊ जाने के लिए तैयार हुए और वहां जाकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया।
कमलेश तिवारी पर 15 बार चाकू से हमला किया गया था
हत्या को अंजाम देने के बाद वे फरार हो गए थे। अशफाक हुसैन एक प्रतिष्ठित कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) था। अशफाक ने ही कमलेश पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर बेरहमी से गला रेता था। वहीं, दूसरा आरोपी मोइनुद्दीन पठान फूड डिलीवरी का काम करता था। वहीं, कमलेश तिवारी की ऑटोप्सी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उनके ऊपर 15 बार चाकू से हमला किया गया था। इसके बाद गोली मारी गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि चाकू से हमले के कारण कमलेश तिवारी के सीने में करीब 3 से 4 सेमी गहरा घाव बन गया था।