बच्चों को दस हजार में बेचते हैं माफिया
नई दिल्ली। बंधुआ बाल मजदूरी कराने के लिए कई माफिया सक्रिए हैं। यह माफिया बच्चों को जानवरों से भी कम कीमत पर बेचते हैं। यह बात बचपन बचाओ आंदोलन के लिए शांति नोबेल अवार्ड से नवाजे गए कैलाश सत्यार्थी ने कही है। सत्यार्थी अब ब्रिटेन में बाल दास्ता को लेकर एक अभियान शुरू करेंगे। सत्यार्थी ने ब्रिटेन से बाल दासता सप्ताह का आगाज किया है।
दस हजार में बेच देते हैं बच्चों को
महिला अधिकारों पर काम करने वाली ट्रस्ट वूमन कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कैलाश ने मानव तस्करों को माफिया बताया। ऐसा माफिया जो बच्चों की जिंदगी का सौदा दस हजार रुपए में कर देते हैं। उन्होंने कहा कि जानवर भी इससे ज्यादा रकम पर बेचे जाते हैं। कैलाश एक किस्सा बताते हुए कहा कि एक बार बंधुआ मजदूरी से छुड़ाए गए बच्चों ने मुझे बताया कि तस्कर उन्हें दस हजार में ही बेचते थे जबकि उनके गांव में ही एक भैंस पचास हजार रुपए में बेचे जाते थे।
कैलाश सत्यार्थी ने मानव तस्करी और बाल मजदूरी को रोकने के लिए सरकारों, कारोबारियों और अभियान चलाने वालों की ओर से सामूहिक कार्रवाई किए जाने तथा कानून को मजबूत किए जाने की अपील की।
मेरे साथियों ने अपनी जान गवाई है
कैलाश सत्यार्थी ने मजदूरी करते बच्चों को छुड़ाने के संघर्ष के बारे में बताते हुए कहा कि बंधुआ मजदूरी के रूप में काम करने वाले बच्चों को छुड़ाने के लिए मेरे साथियों ने अपनी जान गवाई है। मैं अपने दो सहकर्मियों को खो चुका हूं। एक की गोली मार कर हत्या कर दी और एक की पीट-पीट कर हत्या कर दी। मेरे पूरे शरीर पर भी चोट के कई निशान हैं।