Kailash Mansarovar Yatra: खराब मौसम के चलते सिमिकोट में फंसे 200 तीर्थयात्री
नई दिल्ली। ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा में फिर गतिरोध उत्पन्न हो गया है, उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम खराब होने की वजह से सिमीकोट में तकरीबन 200 तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। जिनके बारे में भारतीय दूतावास की ओर से बयान आया है कि हम लगातार उनके और उनकी फैमिली के संपर्क में है। हालात काबू में हैं और मौसम साफ होते ही उन तीर्थयात्रियों को रवाना कर दिया जाएगा।
कैलाश मानसरोवर यात्रा
आपको बता दें कि हिंदू धर्म के लिए खास महत्व रखने वाली मानसरोवर तिब्बत की एक झील है, जो कि इलाके में 320 वर्ग किलोमाटर के क्षेत्र में फैली है। इसके उत्तर में कैलाश पर्वत और पश्चिम में राक्षसताल है। यह समुद्रतल से लगभग 4556 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी त्रिज्या लगभग 88 किलोमीटर है और औसत गहराई 90 मीटर है।
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कैलाश पर्वत और मानसरोवर हैं धरती का केंद्र
कैलाश पर्वत और मानसरोवर को धरती का केंद्र माना जाता है। मानसरोवर वह पवित्र जगह है, जिसे शिव का धाम माना जाता है। मानसरोवर के पास स्थित कैलाश पर्वत पर भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं। यह हिन्दुओं के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल है। संस्कृत शब्द मानसरोवर, मानस और सरोवर को मिल कर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मन का सरोवर।
बौद्धधर्म और जैनियों के लिए भी ये मानक
बौद्ध धर्म को मानने वाले कहते हैं कि यहीं पर रानी माया को भगवान बुद्ध की पहचान हुई थी तो जैनियों के लिए भी ये पवित्र स्थल है।
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Simikot has basic lodging facilities to hold upto 500 pilgrims comfortably.There's also facilities of initial medical examination.Numbers are not alarming&would take just a day of good weather and normal operations of flights to evacuate all those stranded:Indian Embassy in Nepal https://t.co/lrstMG82Sv
— ANI (@ANI) August 5, 2018