महोबा-खतौली के बाद अब औरैया, थम नहीं रहे हैं रेल हादसे, कैसे चलेगा प्रभु?
इटावा। अभी उत्कल एक्सप्रेस हादसे का दर्द कम ही नहीं हुआ था कि आज एक बार फिर से यूपी में हुए रेल एक्सीडेंट ने लोगों को भयभीत कर दिया है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर रेलवे महकमे को हो क्या गया है, लोगों का गुस्सा रेल मंत्री सुरेश प्रभु पर जमकर निकल रहा है, लोग प्रभु से सवाल कर रहे हैं कि आखिर ऐसे कैसे चलेगा, आखिर इन हादसों का जिम्मेदार कौन हैं?
कैफियत एक्सप्रेस पटरी से उतरी: देखिए हादसे की तस्वीरें
8 बोगी पटरी से उतर गईं
रेलवे के डीजी, पीआरओ अनिल सक्सेना ने बताया कि डंपर से टकराने की वजह से कैफियत एक्सप्रेस का इंजन और 8 बोगी पटरी से उतर गईं हैं। जिससे दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर अप एंड डाउन रेल ट्रैक पर आवागमन ठप हो गया है।
पुरी-उत्कल एक्सप्रेस हादसा (खतौली)
मालूम हो कि इससे पहले शनिवार को मुजफ्फरनगर के खतौली में रेल हादसा हुआ था जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 150 से ज्यादा जख्मी हैं, दुर्घटना इतनी भयावह थी कि पटरी से उतरे 13 कोच एक-दूसरे पर जा चढ़े थे। डिब्बो को काटकर लोगों के शवों को निकाला गया था।
महाकौशल एक्सप्रेस हादसा
यूपी के महोबा में 30 मार्च, 2017 को महाकौशल एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।यह हादसा रात क़रीब 2 से सवा दो बजे महोबा और कुलपहाड़ स्टेशन के बीच हुआ था। हादसे के बाद इलाहाबाद-झांसी रूट प्रभावित हुआ था, लोगों ने रेलवे पर लापरवाही का आरोप लगाया था।
मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस हादसा
मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 डिब्बे 15 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश में रामपुर के पास पटरी से उतरे, करीब 10 लोग घायल हुए थे।हादसा मुण्डा पांडे और रामपुर रेलवे स्टेशन के बीच हुआ था। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने घायल यात्रियों के लिए 50,000-50,000 रुपये के मुआवजे की घोषणा की थी।
कैसे चलेगा प्रभु?
रेलमंत्री सुरेश प्रभु भारतीय रेल को कितना भी आधुनिक बनाने का दावा करें, लेकिन सच्चाई उनके दावों से कोसो दूर हैं। रेल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपने पुराने रवैये को बदलने को कतई तैयार नहीं दिख रहे हैं। ऐसे हालातों में भारतीय रेल कुप्रबंधन और लापरवाही के दौर से क्या उबर पाएगी? मौजूदा हालात इसकी गवाही नहीं देते।