टाइम मैगजीन ने मोदी को बताया डिवाइडर इन चीफ तो भड़के कबीर बेदी, तवलीन सिंह ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह से अमेरिका की जानी-मानी पत्रिका टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डिवाइडर इन चीफ करार दिया है, उसके बाद इस इस लेख को लिखने वाले लेखक पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग टाइम मैगजीन के इस लेख की आलोचना कर रहे हैं। एक बड़ा तबका ऐसा भी है जो इस लेखक को पाकिस्तानी करार दे रहा है। लेकिन अब इस लेख को लिखने वाले पत्रकार आतिश तासीर की मां तवलीन सिंह खुद सामने आई हैं।
कबीर खान ने बताया पाकिस्तानी
दरअसल टाइम मैगजीन में मोदी को डिवाइडर इन चीफ बताने वाले लेखक आति तासीर की मां जानीमानी लेखिका तवलीन सिंह हैं। आतिश के लेख पर अभिनेता कबीर बेदी ने सवाल खड़ा किया। कबीर बेदी ने ट्वीट करके आतिश के लेख पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने लिखा कि आखिर कैसे दुनिया की सबसे विख्यात मैगजीन पाकिस्तानी लेखक का तरह का भेदभाव वाला लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रकाशित कर सकती है, वह भी ऐसे समय में जब भारत में चुनाव चल रहे हैं।
कबीर
बेदी
को
तवलीन
सिंह
ने
दिया
जवाब
कबीर
बेदी
के
इसी
ट्वीट
पर
तवलीन
सिंह
ने
सफाई
दी
है
और
अपने
बेटे
का
बचाव
किया
है।
तवलीन
सिंह
ने
लिखा
है
कि
कबीर
इस
बात
से
सहमत
नहीं
है,
लेकिन
आपको
पता
है
कि
आतिश
तासीर
पाकिस्तानी
नहीं
है।
बता
दें
कि
टाइम
पत्रिका
के
एशिया
एडिशन
ने
लोकसभा
चुनाव
2019
और
पिछले
पांच
सालों
में
नरेंद्र
मोदी
सरकार
के
कामकाज
पर
लीड
स्टोरी
की
है।
प्रधानमंत्री
के
कामकाज
पर
सख्त
आलोचनात्मक
टिप्पणी
करते
हुए
पत्रिका
ने
नेहरू
के
समाजवाद
और
भारत
की
मौजूदा
सामाजिक
परिस्थिति
की
तुलना
की
है।
इस
आलेख
में
कहा
गया
है
कि
नरेंद्र
मोदी
ने
हिन्दू
और
मुसलमानों
के
बीच
भाईचारे
की
भावना
को
बढ़ाने
के
लिए
कोई
इच्छा
नहीं
जताई।
कौन
हैं
आतिश
तासीर
आपको
बता
दें
कि
इस
आर्टिकल
को
आतिश
तासीर
ने
लिखा
है
जोकि
भारतीय
पत्रकार
तवलीन
सिंह
और
पाकिस्तानी
राजनेता
और
बिजनेसमैन
सलमान
तासीर
के
बेटे
हैं।
उनका
जन्म
1980
में
ब्रिटेन
में
हुआ
था।
कई
लोगों
ने
इस
आर्टिकल
को
यूं
भी
तवज्जो
देना
जरूरी
नहीं
समझा
क्योंकि
इसे
एक
पाकिस्तानी
राजनेता
के
बेटे
ने
लिखा
है
लेकिन
इस
बात
के
जवाब
में
लोगों
ने
ये
भी
कहा
कि
आतिश
की
मां
तवलीन
सिंह
बीजेपी
की
घोर
समर्थक
हैं।
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हालांकि आतिश अपने माता पिता की पहचान से इतर एक अलग पहचान बना चुके हैं। उनकी पहली किताब स्ट्रेंजर टू हिस्ट्री को 14 से ज्यादा भाषाओं में ट्रांसलेट किया गया है और इसे मुस्लिम समाज को समझने के लिए एक बेहतरीन जरिया माना जाता है। इसके अलावा उनके उपन्यास टेंपल गोअर्स को 2010 के कोस्टा फर्स्ट नॉवल अवॉर्ड के लिए शॉर्ट लिस्ट किया गया है। उन्होंने साल 2008 में मंटो की कहानियों को भी ट्रांसलेट किया था. साल 2011 में अपने पिता की हत्या होने पर उन्होंने पाकिस्तान के हालातों पर भी एक आर्टिकल लिखा था।
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